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चुनाव 2019

चाचा के 'चक्रव्यूह' में भतीजा, सपा प्रत्याशी मायावती की रैली से उत्साहित है, लेकिन मुकाबला त्रिकोणीय है

चाचा के चक्रव्यूह में भतीजा, सपा प्रत्याशी मायावती की रैली से उत्साहित है, लेकिन मुकाबला त्रिकोणीय है
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चाचा-भतीजे की इस जंग में सैफई कुनबे के संरक्षक मुलायम सिंह यादव खामोश है। भाजपा के डॉ चंद्रसेन जादौन इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। इनके अलावा प्रमुख रूप से चौधरी बशीर व राजवीर सिंह (निर्दलीय) और उपेंद्र सिंह राजपूत भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी से चुनाव मैदान में हैं।

सैफई परिवार के रिश्तेदार भी चाचा-भतीजे के बीच बंट गए हैं। सपा के कई नेताओं को अपने पाले में करके शिवपाल ने जो चक्रव्यूह बनाया है, गठबंधन के जातीय समीकरण के दम पर अक्षय उसे काटकर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। 2014 में अक्षय यादव जीते, तब सपा के जो प्रमुख नेता पार्टी के साथे थे, वे इस बार शिवापाल के साथ है। सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम यादव शिवपाल के साथ हैं। जसराना से चार बार जीते सपा के पूर्व विधायक रामवीर यादव भाजपा के साथ हैं। सदर में पकड़ रखने वाले पूर्व विधायक अजीम भाई प्रसपा के साथ है।

सपा प्रत्याशी अक्षय यादव के लिए मायावती, अखिलेश यादव व चौधरी अजित सिंह ने 20 अप्रैल को साझा रैली की। सपा नेता विद्रोह का असर खारिज करते हुए कहते हैं कि परंपरागत वोट पार्टी के साथ। बसपा का साथ होने से बड़े लाभ को लेकर सपा उत्साहित हैं। सपा परंपरागत यादव वोट के साथ मस्लिम, दलित के साथ दीगर समाज के वोट भी अपने साथ मनाकर चल रही है।

चुनाव में शिवपाल यादव ने अपने अपमान का मुद्दा उठा रखा है। यादवों की पट्टी पर अपनी रिश्तेदारियों के साथ वो पार्टी बननाने का कारण बताकर रामगोपाल यादव को निशाने पर लिए हुए हैं। यादव पट्टी के साथ मुस्लिम क्षेत्र में शिवपाल कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

भाजपा प्रत्याशी डॉ. चंद्रसेन जादौन को शुरू में सैफई परिवार के दो नेताओं के सामने चंद्रसेन जादौन को कमजोर माना जा रहा था, लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की जनसभआ के बाद प्रचार भी रंग लाया। भाजपाई मान रहे हैं कि पूरे देश में मोदी लहर है और वोटर भाजपा को वोट देने केलिए आतुर है। ऐसे में चाचा-भतीजे जहां आपस के ही वोट काट कर रहे हैं। इस स्थिति में भाजपा को कमजोर नहीं आंका जा सकता है।

शुरुआती चुनावों में फिरोजाबाद सीट कभी किसी एक पार्टी के हक में नहीं रही, लेकिन पिछले पांच चुनावों की बात करें तो चार बार यहां से सपा जीत चुकी है। लोकसभा चुनाव 2014 में अक्षय यादव ने इस सीट से भाजपा उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल को 1.15 लाख वोटों से हराया था। हालांकि 2009 के उपचुनाव में कांग्रेस के राजबब्बर ने सपा की डिंपल यादव को करारी शिकस्त दी थी।

फिरोजाबाद आलू का बड़ा उत्पादन क्षेत्र है। इससे पहले हुए चुनाव में पीएम मोदी से लेकर राहुल गांधी तक यहां के आलू किसान से वादा करके गए। इस चुनाव में भी बड़े नेताओं ने सभाओं में आलू किसानों का जिक्र किया। अब तक सबसे बड़ा वादा जिले में आलू आधारित बड़ा सरकारी उपक्रम लगाने का हुआ है। आलू किसानों का दर्द है कि मोदी, योगी राहुल और अखिलेश सभी नेता इसी तरह के वादा कर गए, पर अभी तक कोई वादा जमीन पर नहीं उतारा है। आलू की उपज के लागत वाले दाम भी नहीं मिपल पाते हैं। जिले में 65 हजार से अधिक किसान आलू की फसल उगाते हैं। यहां करीब 166 कोल्ड स्टोरेज हैं।

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