सपा ने इलाहाबाद से रईश चंद्र शुक्ल व फूलपुर से पंधारी यादव को बनाया प्रत्याशी

लखनऊ, । समाजवादी पार्टी ने आज लोकसभा चुनाव 2019 में इलाहाबाद के साथ ही फूलपुर से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन करने वाली समाजवादी पार्टी चरणवार अपने प्रत्याशी घोषित कर रही है।
समाजवादी पार्टी ने इलाहाबाद से रईश चंद्र शुक्ल तथा इलाहाबाद के फूलपुर लोकसभा सीट से पंधारी यादव को प्रत्याशी घोषित किया है। पंधारी यादव प्रयागराज से पार्टी के जिलाध्यक्ष थे। समाजवादी पार्टी ने फूलपुर लोकसभा उप चुनाव में जीत दर्ज करने वाले नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल का टिकट काट दिया है।
रईश चन्द्र शुक्ला प्रयागराज के बड़े कारोबारी हैं। दो वर्ष पहले यह भाजपा में थे। भाजपा ने विधान परिषद चुनाव में इलाहाबाद-कौशांबी से बनाया था।
रईश चंद्र शुक्ल तेंदूपत्ता, रियल एस्टेट के बड़े कारोबारी हैं। कई पेट्रोल पंप भी उनके पास हैं। इलाहाबाद से भाजपा सांसद श्यामाचरण गुप्ता के खास के साथ ही इलाहाबाद भाजपा जिलाध्यक्ष के रिश्तेदार हैं।
फूलपुर लोकसभा सीट का नाम यूपी की हाई प्रोफाइल सीट में गिना जाता है। समाजवादी पार्टी ने पूर्व जिला अध्यक्ष पंधारी यादव को फूलपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। पंधारी यादव समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव हैं। केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद उन्होंने फूलपुर लोकसभा से इस्तीफा दिया।
2018 में फूलपुर लोकसभा उप चुनाव में समाजवादी पार्टी के नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा के कौशलेंद्र पटेल को हराया था। सपा ने यहां से नागेन्द्र प्रताप के स्थान पर पंधारी यादव को मैदान में उतारा है।
गोरखपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद प्रवीण निषाद के भाजपा का दामन थामने के बाद समाजवादी पार्टी ने भी भाजपा के एक सांसद को तोड़ लिया। भाजपा को तगड़ा झटका देते हुए सपा ने मछलीशहर सीट के सांसद रामचरित्र निषाद को अपने पाले में कर लिया। वहीं गोरखपुर की पिपराइच सीट से पूर्व विधायक राजमती निषाद और उनके पुत्र अमरेंद्र निषाद ने फिर सपा का दामन थाम लिया। राजमती और अमरेद्र हाल ही में सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। इन तीनों को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय पर सदस्यता ग्रहण कराई।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर सीट पर हुए उपचुनाव में सपा के टिकट पर सांसद चुने गए प्रवीण निषाद को भाजपा द्वारा अपने सिंबल पर संत कबीर नगर से चुनाव लड़ाने और निषाद पार्टी का समर्थन हासिल करने के बाद सपा ने भाजपा को उसी अंदाज में जवाब दिया है। रामचरित्र मछलीशहर सीट से अपना टिकट काटे जाने से भाजपा से नाराज थे। भाजपा ने यह टिकट मछलीशहर से पिछला लोकसभा चुनाव बसपा प्रत्याशी के रूप में लडऩे वाले वीपी सरोज को दिया है। सरोज ने हाल ही में बसपा छोड़ भाजपा को गले लगाया था।
उधर राजमती और उनके पुत्र अमरेंद्र भी टिकट की आस में हाल ही में सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा में टिकट की गुंजायश न बनती देख उन्होंने अपने कदम वापस खींच लिए। अखिलेश ने राजमती और अमरेद्र का नाम लेकर कहा कि हमारे समाजवादी साथी कुछ दिनों के लिए हमसे अलग हो गए थे लेकिन अब फिर घर वापस आ गए हैं। वहीं उन्होंने रामचरित्र निषाद को लोकसभा चुनाव में सपा का प्रत्याशी बनाये जाने का इशारा किया। यह कहकर कि हम इन्हें जनता के बीच भेजना चाहते हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव में तेजी से आगे बढ़ रहे गठबंधन के कारवां को इन तीनों के आने से और मजबूती मिलेगी।
भाजपा छोड़ सपा में शामिल मछलीशहर के भाजपा सांसद रामचरित्र निषाद का जौनपुर में लंबा राजनीतिक सफर रहा। बस्ती जिले के मूल निवासी रामचरित्र निषाद दिल्ली में आवास बनाकर रहते हैं। 2009 में मछलीशहर (सु) लोकसभा सीट पर अपना दल से चुनाव लड़े और बाद में भाजपा में शामिल हो गए। 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और सांसद बने। निषाद जाति से ताल्लुक रखने वाले रामचरित्र मछलीशहर सीट अनुसूचित जाति से सुरक्षित होने के कारण विवादों में रहे और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा भी विचाराधीन है। वह दिल्ली राज्य के प्रमाण पत्र पर खुद को अनुसूचित जाति का होने की दलील देते रहे। लोकसभा 2019 चुनाव के दौरान मौजूदा सांसद का पार्टी छोडऩा बीजेपी के लिए झटका माना जा रहा है। निषाद को भाजपा ने मछलीशहर सीट से दोबारा टिकट नहीं दिया है।




