Janta Ki Awaz
चुनाव 2019

तो ...इन वजहों से तेज बहादुर यादव को दिया सपा ने टिकट!

सपा के इस कदम के पीछे दो ही वजह दिखती है. पहला ये कि मोदी के खिलाफ कोई उम्मीदवार न मिलना और दूसरा यह कि लोगों को यह भी न लगे कि विपक्षी दलों ने मोदी के खिलाफ वॉक ओवर दे दिया. तेज बहादुर में चुनौती वाला एलिमेंट दिख रहा, जो कि शालिनी यादव और अजय राय में नहीं है.

तो ...इन वजहों से तेज बहादुर यादव को दिया सपा ने टिकट!
X

लोकसभा चुनाव 2017 में वाराणसी सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है. इस हाईप्रोफाइल सीट पर एक तरफ बीजेपी से नरेंद्र मोदी मैदान में हैं, वहीं दूसरी तरफ गठबंधन ने ऐन मौके पर रणनीति बदलते हुए प्रत्याशी बदल दिया है और मुकाबला दिलचस्प कर दिया है. दरअसल समाजवादी पार्टी ने ऐन वक्त पर शालिनी यादव का टिकट काटकर उनकी जगह बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को मैदान में उतारा है. पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती दे रहे तेज बहादुर को सेना में ख़राब खाने के मुद्दे को उठाने के लिए बीएसएफ से बर्खास्त किया गया था. तेज बहादुर को टिकट दिए जाने के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

वैसे तो भव्य रोड शो के बाद वाराणसी से मोदी को चुनौती देता भी कोई नहीं दिख रहा है. ऐसे में सवाल यह है कि सपा ने तेज बहादुर को उनके खिलाफ उतारकर कौन सी सियासी चाल चली है? वरिष्ठ पत्रकार और राजनैतिक मामलों के जानकार मानते हैं कि इसकी दो वजह हो सकती है. पहली वजह ये है कि मोदी के खिलाफ कोई ऐसा चेहरा चाहिए जो चुनौती देता दिखे, क्योंकि मोदी विनिंग कैंडिडेट हैं. ऐसे में कोई इतनी हिम्मत दिखाए कि वह चुनाव लड़ सकता है.

शालिनी यादव और कांग्रेस के अजय राय दोनों ही ऐसे उम्मीदवार नहीं हैं. अजय राय की पिछले चुनावों में जमानत जब्त हुई थी. ऐसे में दोनों ही दलों को ऐसा प्रत्याशी नहीं मिल रहा था जो पीएम मोदी को चुनौती दे सके. लाजमी भी है कि कोई बड़ा नेता जानबूझकर चुनाव क्यों हारे. इसलिए एक ऐसे उम्मीदवार की तलाश थी, जिसमें चुनौती देने की वजह मौजूद हो.

बीजेपी इस चुनाव में राष्ट्रवाद के मुद्दे पर है और तेज बहादुर यादव के नाम के साथ यह चुनौती दिखाई देती है. क्योंकि इसी सरकार में तेज बहादुर ने सेना में ख़राब खाने के मुद्दे को उठाया था. इसके लिए उन्हें बर्खास्त किया गया था तो वे यह कहते हुए नजर आ सकते है कि जिस सरकार ने उनकी एक समस्या को हल करने की जगह उन्हें बर्खास्त कर दिया वह किस राष्ट्रवाद की बात कर रही है.

सपा के इस कदम के पीछे दो ही वजह दिखती है. पहला ये कि मोदी के खिलाफ कोई उम्मीदवार न मिलना और दूसरा यह कि लोगों को यह भी न लगे कि विपक्षी दलों ने मोदी के खिलाफ वॉक ओवर दे दिया. तेज बहादुर में चुनौती वाला एलिमेंट दिख रहा, जो कि शालिनी यादव और अजय राय में नहीं है.

उधर, समाजवादी पार्टी का कहना है कि अब लड़ाई असली चौकीदार और नकली चौकीदार के बीच की है. तेज बहादुर बीएसएफ से बर्खास्त हुए, उन्‍होंने कोई चोरी नहीं की थी. ख़राब खाने की शिकायत की थी. इनके बेटे की हत्या हो गई. अब ये किसान, जवान और नौजवान की लड़ाई लड़ रहे हैं.


Next Story
Share it