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जेएनयू मुद्दे पर अखिलेश ने मोदी सरकार पर कसा तीखा तंज



हालिया जेएनयू विवाद पर उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अब भाजपा को समझ में आ गया होगा कि नौजवानों से टकराओगे से क्या होगा?




मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बसपा और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि विकास में उनकी सरकार का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। विकास के मामले में सरकार ने गांवों और शहरों के बीच क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखा।

अपनी चार साल की उपलब्धियां गिनाते हुए अखिलेश ने विपक्ष को आईना दिखाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। पार्कों, स्मारकों व मूर्तियों की स्थापना तक ही सीमित रहने के लिए उन्होंने जहां बसपा पर निशाना साधा, वहीं भाजपा को यह कहते हुए कठघरे में खड़ा किया कि 73 एमपी होने के बाद भी केंद्रीय बजट में यूपी को क्या मिला?



उन्होंने केंद्र सरकार पर यूपी को मिलने वाले बजट पर कटौती करने का आरोप लगाया। कहा कि केंद्र में नई सरकार के आने के बाद यूपी को मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी के बजाय लगभग 8000 करोड़ रुपये की कमी हो गई है। अपने पांचवें बजट को किसानों, गरीबों व नौजवानों का बजट बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश को तरक्की व खुशहाली की ओर ले जाने वाला है।

सूखा प्रभावित बुंदेलखंड के गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कराने का एलान करते हुए कहा कि गांवों में टैंकरों से पानी पहुंचाया जाएगा। जल्द ही वह खुद बुंदेलखंड जाकर सूखा पीड़ितों को राहत बांटने की योजना की शुरुआत करेंगे।

विधानसभा में शुक्रवार को बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए अखिलेश गाहे-बगाहे विरोधियों की चुटकी भी लेते रहे जिससे कई बार सदन में ठहाके गूंजे। संसदीय कार्यमंत्री आजम खां भी बीच-बीच में चुटकी लेने से नहीं चूके।

वाराणसी व कानपुर मेट्रो के लिए बजट में आवंटित रकम को ऊंट के मुंह में जीरा बताए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी तो प्रधानमंत्री का क्षेत्र है। केंद्र ने अपने बजट में उसे क्या दिया? मोदी का नाम लिए बगैर अखिलेश ने तंज कसा कि वह तो इतने स्मार्ट निकले कि यूपी को एक भी स्मार्ट सिटी नहीं दी? पूर्वांचल में एम्स भी नहीं मिला।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सरकार ने अपने बजट के जरिये शहरों के विकास के लिए मेट्रो की शुरुआत की है तो आगरा-लखनऊ व पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के जरिये गांवों की खुशहाली के लिए कदम बढ़ाया है। ग्रामीण अंचलों की सड़कों को फोर लेन से जोड़ने का काम तेजी से हो रहा है।

बसपा ने पांच साल में एक सड़क को छोड़कर कौन-सी सड़क बनाई? उसमें भी किसानों पर गोली चली और उन्हें जेल भेजा गया। हमने बिना किसी झगड़े के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे बनवा दिया। इसे बलिया तक ले जाएंगे और कहीं आंदोलन नहीं होने देंगे। सरकार ने गरीबों के लिए लोहिया आवास योजना शुरू की। गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए आई-स्पर्श योजना ला रहे हैं।
बिजली सुधार के लिए चल रही योजनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गांवों को 24 घंटे बिजली देने की बात कही है। उनके क्षेत्र वाराणसी में हम बिजली दे रहे हैं।

चार साल में सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन पर काम किया। ऊर्जा का बजट 8000 करोड़ से बढ़ाकर 66000 करोड़ तक ले गए। केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने 2018 में गांवों के विद्युतीकरण का लक्ष्य तय किया है। हम तो इसी साल सभी गांवों का विद्युतीकरण कर देंगे।

बहुत जल्द हम गांवों को 14-16 घंटे और शहरों को 20-22 घंटे बिजली देने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान, समाजवादी पेंशन योजना, कन्या विद्याधन योजना, रानी लक्ष्मी बाई सम्मान कोष, कामधेनु डेयरी योजना, किसान बीमा योजना, मेडिकल कॉलेजों की स्थापना समेत तमाम योजनाएं गिनाते हुए कहा कि 2016-17 का बजट गांव, गरीब, नौजवान, किसान का बजट है।

उन्होंने कहा कि विकास की तरफ से ध्यान बंटाने के लिए कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया जाता है। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य, भाजपा के सुरेश खन्ना, कांग्रेस के प्रदीप माथुर व रालोद के दलवीर सिंह ने स्पष्टीकरण रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के अच्छे सुझावों पर सरकार विचार करेगी।
बिजली का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को उनके वादे की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि कब तक इतने करोड़ को....। आजम बोले, 100 दिन में काला धन लाने, दो करोड़ नौकरी देने व 24 घंटे बिजली देने को कहा था। सब फुस्स हो गया।

इनकी सोच के साथ नोच भी थी
सड़कों का जाल बिछाने का उल्लेख करते हुए मुख्यंमत्री ने बसपा की ओर सवाल दागा कि आपने इस तरफ क्यों नहीं सोचा? आजम तपाक से बोले, इनकी सोच के साथ नोच भी थी।

लैपटॉप नहीं बोलेंगे क्योंकि समझ में नहीं आएगा
योजनाएं गिनाते हुए मुख्यंत्री ने लैपटॉप का भी नाम लिया। फिर तुरंत बोल, लैपटॉप नहीं बोलूंगा क्योंकि यह नेता प्रतिपक्ष को समझ में नहीं आएगा।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर भाजपा खेमे से देशद्रोही की आवाज आई तो आजम ने कहा, देशभक्ति का टेंडर तो बस आपके नाम ही खुला है।

सुल्तान बनाया है, इसलिए सुल्तान हैं
चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को टीपू सुल्तान बताते हुए कटाक्ष किया था कि उनकी तलवार रामपुर चली गई है। जवाब देते हुए अखिलेश ने कहा कि टीपू को सुल्तान जनता ने बनाया। पांच बार बजट पेश किया है।

जनता चाहेगी तो छठा भी पेश करेंगे। टीपू सुल्तान का जिक्र छिड़ा तो आजम ने तत्काल अखिलेश पर लिखी एक किताब पूरे सदन को दिखाई। यह कहने से भी नहीं चूके कि सुल्तान हैं, सुल्ताने हिंद का इंतजार करो।

इनके पास तो स्पेयर में प्रतिमा है
कुछ समय पहले अंबेडकर स्मारक में मायावती की प्रतिमा तोड़े जाने का जिक्र भी अखिलेश ने किया। बसपा की चुटकी लेते हुए बोले, एक प्रतिमा टूट गई। स्पेयर में रखी थी, हमने लगवा दी। पूछा तो पता चला एक और स्पेयर में है। चाहे जितना कहें लेकिन लोग नहीं मानेंगे कि ये सत्ता में आए तो प्रतिमाएं नहीं लगाएंगे और पैसा बर्बाद नहीं करेंगे।
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