आरोपियों के पोस्टर हटाने का फैसला आते ही #वाहरेकोर्ट हैशटैग ट्रेंड करने लगा

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले से लोग हुए नाराज़ ट्रेंड करने लगा #वाहरेकोर्ट चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने आरोपियों के पोस्टर हटाने के मामले पर फैसला सुनाया फैसला आते ही #वाहरेकोर्ट हैशटैग ट्रेंड करने लगा यूजर्स फैसले के खिलाफ अपना गुस्सा दिखा रहे हैं #वाहरेकोर्ट हैशटैग पर टॉप ट्रेंड में बना हुआ है।
आज हाई कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोपियों का पोस्टर हटाने का आदेश दिया है. लखनऊ के अलग-अलग चौराहों पर वसूली के लिए 57 कथित प्रदर्शनकारियों के 100 पोस्टर लगाए गए थे.
महाधिवक्ता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने दलील देते हुए कहा था कि सरकार ने ऐसा इसलिए किया, ताकि आगे इस तरह का प्रयास न किया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट उनकी दलील से सहमत नहीं हुआ। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने हिंसा के दौरान नामजद लोगों के नाम, पते और फोटो को भी सार्वजनिक न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बिना कानूनी उपबंध के नुकसान वसूली के लिए पोस्टर मे फोटो लगाना अवैध है। यह निजता अधिकार का हनन है। बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाये किसी की फोटो सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करना गलत है।