बिटिया की शादी के संजोए थे सपने, फसल की बर्बादी बर्दाश्त न कर सका किसान, चली गई जान

जालौन, । किसान क्रेडिट कार्ड से पचास हजार का लोन लेकर एक एकड़ भूमि पर मटर की फसल बोयी थी और अच्छी फसल की उम्मीद में जवान हो चुकी बिटिया की शादी के सपने संजोए थे। लेकिन, किसान को क्या पता कि उसके सपनों पर मौसम का कहर टूट पड़ेगा। बीते दिनों बारिश और ओलावृष्टि के बाद रविवार की सुबह खेतों पर पहुंचा किसान फसल की बर्बादी बर्दाश्त नहीं कर पाया और सदमा लगने से उसकी जान चली गई। किसान की मौत से परिवार में कोहराम मच गया और गांव में सन्नाटा पसर गया।
मडोरा गांव में 45 वर्षीय प्रदीप सिंह ने एक एकड़ खेत में मटर की फसल बोई थी। उसने इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड से पचास हजार रुपये का लोन लिया था। घर में पत्नी पत्नी मीरा से प्रदीप बातें करता था कि इस बार अच्छी फसल है, फसल बिकने पर 18 साल की हो चुकी बिटिया शबनम के हाथ पीले कर देगा। उसकी धूमधाम से शादी करेगा। उसकी बातें पंद्रह साल का बेटा अंकित और बेटी शबनम भी सुना करते थे। इधर, बीते दिनों हुई बारिश के बाद खेत में पानी भर गया था और आसमान खुलने पर फसल बचने की उम्मीद थी। अंकित ने बताया कि सोमवार की सुबह खेत पर जाने की बात कहकर पिता जी निकले थे।
किसानों ने बताया कि खेत पर पहुंचने के बाद प्रदीप कुछ देर तक किनारे खड़े रहे। उसकी फसल पूरी तरह सड़ गई थी, जिसे देखते देखते वह अचानक गश खाकर गिर गए। जानकारी पर पहुंचे घर वाले उसे आनन फानन चिकित्सक के पास ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। प्रदीप की मौत से सभी बेहाल हो गए और कोहराम मच गया। बेटा अंकित व बेटी शबनम रोते रहे और और पत्नी मीरा देवी पछाड़ खाकर गिर पड़ीं। पड़ोसी महिलाएं भी उन्हें ढांढस बंधाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थीं। घटना की सूचना मिलने के बाद हदरुख चौकी इंचार्ज दिव्यप्रकाश त्रिपाठी पहुंचे और कागजी कार्रवाई की। तहसीलदार बलराम गुप्ता ने जानकारी ली और सरकारी आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया।