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उत्तर प्रदेश

बालामऊ-कानपुर पैसेंजर, इंजन के नीचे चादर फंसी देख चालक के होश उड़े

बालामऊ-कानपुर पैसेंजर, इंजन के नीचे चादर फंसी देख चालक के होश उड़े
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उन्नाव, । बालामऊ-कानपुर पैसेंजर ट्रेन शनिवार को दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई। लोको पायलट ने ट्रेन गंजमुरादाबाद हाल्ट के बाद रोकर जांच की तो इंजन के नीचे लोहे की चादर फंसी देखकर उसके होश उड़ गए। यदि समय रहते ट्रेन न रुकती तो डिरेल हो सकती थी। घटना की जानकारी पर रेलपथ विभाग के इंजीनियर पहुंचे और चादर हटाने के बाद ट्रेन को कानपुर रवाना कराया।

शनिवार सुबह करीब आठ बजे कानपुर जा रही बालामऊ पैसेंजर के इंजन से लगी दूसरी बोगी में लोहे की एक चादर फंस गई। बंपर हाइट में एक कोना फंसने से चादर करीब तीन किमी घिसटती रही। गंजमुरादाबाद हॉल्ट पर रुकने के बाद लोको पायलट ने जैसे ही ट्रेन को आगे बढ़ाया तो तेज आवाज हुई। स्लीपर व ट्रैक से रगड़ खाने से चिंगारी भी निकल रही थी।

खतरा देखकर उसने ट्रेन रोक दी और गार्ड को सूचित किया। केबिन से उतर गार्ड व लोको पायलट ने बोगियों को जांचने लगे। यह देख कोच से यात्री नीचे उतर आए। इंजन से सटी दूसरी बोगी में फंसी लोहे की चादर को देख लोको पायलट के साथ यात्रियों के रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने परिचालन कंट्रोल व बांगरमऊ हॉल्ट और बालामऊ स्टेशन अधीक्षक को जानकारी दी। रेलपथ विभाग से सीनियर इंजीनियर आरपी सिंह गंजमुरादाबाद पहुंचे। उन्होंने ट्रैक पर लोहे की चादर नहीं पाई।

उन्होंने बताया कि चादर पुरानी होने के साथ नट-बोल्ट खराब हो गए थे। चादर का एक हिस्सा उठा होने से वह इंजन के बंपर हाइट से फंसकर घिसटता रहा। इंजन और बोगी के बीच फंसी चादर को हटाने के बाद लोको पायलट ने ट्रेन चलाई। उखड़ी चादर के स्थान पर नई चादर लगाई गई है।

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