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उत्तर प्रदेश

मासूम बच्चियों व महिलाओं के लिए वरदान साबित हाे रहा है. ये 'बॉक्स'

मासूम बच्चियों व महिलाओं के लिए वरदान साबित हाे रहा है. ये बॉक्स
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गोरखपुर. शहर में इन दिनों मजनुओं की हालत खराब है. अब लड़कियों और महिलाओं पर फब्ती कसना या किसी भी तरह की छेड़खानी करना भारी पड़ रहा है. उन्हें पता भी नहीं चल रहा और पुलिस उन पर कार्रवाई कर देती है. गोरखपुर पुलिस ने शोहदों से निपटने के लिए नया तरीका निकाला है, इसका नाम है पिंक बॉक्स. यह मजनुओं के लिए आफत और मासूम बच्चियों व महिलाओं के लिए वरदान साबित हाे रहा है.

यह एक साधारण दिखने वाला गुलाबी रंग का एक डिब्बा है. इस बॉक्स में महिलाएं या बच्चियां शोहदों का नाम या उनके खड़े होने की जगह एक पर्ची में लिख कर डाल देती हैं. जो लड़कियां छेड़खानी के खिलाफ खुलकर नहीं बोल पातीं या फिर अपना नाम नहीं बताना चाहती वे भी बेनामी पर्ची इसमें लिख कर डाल सकती हैं. इसे बाद पुलिस इन पर्चियों को निकाल कर शोहदों पर कार्रवाई करती है.

फस्ट ईयर में पढ़ने वाली एक छात्रा का कहना है कि छेड़खानी होने पर लड़किया न अपने मम्मी पापा से कह पाती थीं न ही स्कूल में टीचर से अब इस पिंक बॉक्स के लग जाने से ये फायदा हो गया है कि लड़कियां अपनी शिकयत लिख कर चुपके से पिंक बॉक्स में डाल देती हैं. जिसके बाद उन शोहदों पर पुलिस सख्त कार्रवाई करती है. पुलिस की इस पहल से स्कूलों में पढ़ने वाली बच्चियों का मनोबल बढ़ा हुआ है.

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