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उत्तर प्रदेश

छुट्टी नहीं मिली तो दारोगाओं ने लिया रिटायरमेंट, बोले- पत्नी से बढ़कर कुछ नहीं

छुट्टी नहीं मिली तो दारोगाओं ने लिया रिटायरमेंट, बोले- पत्नी से बढ़कर कुछ नहीं
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बरेली. जिले में अनोखा मामला सामने आया है. यहां दो दारोगाओं ने अजीबोगरीब दलील देकर अपनी इच्छा से रिटायरमेंट मांगी है. दारोगाओं का कहना है कि उनके बच्चे बाहर नौकरी कर रहे हैं, ऐसे में पत्नी पूरे दिन घर में अकेली रहती है. उनका ख्याल रखने के लिए भी कोई नहीं है. ड्यूटी में अवकाश (छुट्टी) मिलता नहीं है. इसलिए हमें रिटायरमेंट दे दीजिये. डीआईजी (DIG) ने गुहार लगाने वाले दोनों दारोगाओं को समझाने-बुझाने का प्रयास किया लेकिन जब दोनों नहीं मानें तो उनको रिटायरमेंट दे दिया.

दारोगाओं ने बताई ये वजह

दरअसल बरेली जोन के दो अलग-अलग जिलों में तैनात दारोगाओं ने डीआईजी राजेश पांडेय से मिलकर रिटायरमेंट की अर्जी दी. अमरोहा में डिडौली थाने के सलामतपुर गांव के रहने वाले एसआई जयपाल सिंह नौ दिसंबर, 1980 को बतौर सिपाही भर्ती हुये थे. उनके घर में पत्नी और तीन बेटे हैं. बड़ा बेटा और बहू डॉक्टर है. अन्य बच्चे भी अच्छे पदों पर नौकरी कर रहे हैं. ऐसे में घर में पत्नी की देखरेख करने वाला कोई नहीं है. जयपाल सिंह का कहना है कि पुलिस की सेवा में छुट्टी मिल नहीं पाती है. छह-छह महीने वो घर का मुंह नहीं देख पाते हैं. इस कारण वो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) ले रहे हैं.

वहीं शाहजहांपुर में गढ़िया रंगीन के दूसरे दारोगा नरेश भटनागर के मुताबिक उनकी पत्नी पुष्पा प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं. उनकी एक बेटी गाजियाबाद में इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ा रही है. बेटा एमटेक कर रहा है. नरेश ने बताया कि उनकी पत्नी एक महीने तक बीमार रहीं. वो अस्पताल में पड़ी रही. पत्नी के बीमार होने पर मेडिकल लीव भी नहीं मिल सकती है. इसलिए नौकरी छोड़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है.

दरोगाओं को मिला रिटायरमेंट

मामले में बरेली रेंज के डीआईजी राजेश पांडेय ने कहा कि दोनों दारोगाओं को समझाने का प्रयास किया गया. उन्हें इस पर पुनर्विचार के लिए 15 दिन का समय दिया गया था. दोनों दरोगा अपनी पत्नियों के साथ आये थे. जब वो नहीं माने तो दोनों को समय पूर्व रिटायरमेंट दे दिया गया.

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