जिलाधिकारी ने 5 दिवसीय आवासीय टीओटी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया

आजमगढ़
पँ0 दीनदयाल अन्त्योदय योजना उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत कार्यरत प्रोफेशनलों हेतु समूह, ग्राम संगठन एवं संकूल की अवधारणा एवं प्रबन्धन विषयक पर होटल गोल्डेन फार्चून आजमगढ़ में 05 दिवसीय आवासीय टीओटी प्रशिक्षण का जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा सरस्वती चित्र प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जिस दिन किसी महिला की समस्या को देखकर संवेदनशीलता उत्पन्न होगी, उसी दिन मिशन सफल होगा। उन्होने कहा कि जिस प्रकार संस्था चलती रहती है और कर्मचारी बदलते रहते हैं, उसी प्रकार स्वयं सहायता समूह को भी बनाने की जरूरत है। उन्होने कहा कि स्वयं सहायता समूह के दीदीयों के लिए एक हैण्ड होल्डिंग की जरूरत है तथा बीओ सीएलएफ को इन्टीग्रेशन करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि गरीब होने का प्रमुख कारण क्षमता से वंचित रहना है, इससे व्यक्ति आर्थिक रूप में पिछड़ जाता है। जब व्यक्ति पिछे हो जाता है तो उसको आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होने कहा कि इतिहास देखने से पता चलता है कि महिलाओं की स्थिति खराब होने का कारण युद्ध था। महिला किसी प्रकार से कमजोर नही हो सकती है, जो महिला अपने गर्भ में 09 माह तक बच्चे को रखती है। महिलाएं भावनाओं की प्रतीक होती हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं को एनआरएलएम के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर आर्थिक गतिविधियों में शामिल करके उनकी स्थिति को सुधारने की जरूरत है।आजीविका मिशन आर्थिक, सामाजिक परिवर्तन के अग्रदूत के रूप में हैं। उन्होने कहा कि चैरिटी और इन्टाइटलमेंट दो अलग शब्द हैं, महिलायें यह न समझें कि सरकार की योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है तथा वह दान में मिल रहा है, बल्कि वह उसकी हकदार हैं। उन्होने कहा कि जब तक महिला,बेटियां अशक्त रहेंगी, तबतक सशक्त राष्ट्र का निर्माण नही हो सकता है। हमें दीदीयों,बेटियों को मजबूत करने की जरूरत है। जिलाधिकारी ने स्वयं सहायता समूह की दीदीयों से कहा कि प्रशिक्षण ठीक से लें। इस अवसर पर डीसी एनआरएलएम बीके मोहन, जिला मिशन प्रबन्धक गुलाब चन्द सरोज सहित प्रशिक्षणकर्ता एवं स्वयं सहायता समूह की दीदीयां उपस्थित रहीं।
रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़




