जेएनयू से लेकर अनुच्छेद 370 तक...अमित शाह का विपक्ष पर हल्लाबोल

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान को आगे बढ़ाते हुए भाजपा नेता व गृह मंत्री अमित शाह ने मटियाला में चुनावी रैली कर विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। इस दौरान उन्होंने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक, अनुच्छेद 370 और दिल्ली में हुई हिंसा का जिक्र किया। खासतौर पर उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया।
उन्होंने कहा, राहुल बाबा एंड कंपनी तैयार थी, उन्होंने तुरंत विरोध किया और कहा कि अनुच्छेद 370 को मत हटाओ, खूनखराबा होगा। ये मोदी सरकार है एक भी गोली नहीं चली और अब जम्मू-कश्मीर पूरी तरह भारत का हिस्सा है।
क्या-क्या कहा अमित शाह ने
कुछ दिन बाद दिल्ली की जनता वोट डालकर दिल्ली की नई सरकार तय करने वाली है। आपका एक वोट ये तय करेगा कि पांच साल के लिए मोदी जी की तरह काम करने वाली सरकार चाहिए या धरना प्रदर्शन करने वाली सरकार चाहिए ये आपको तय करना होगा।
पांच साल पहले दिल्ली की जनता ने बड़ा भरोसा करके केजरीवाल को वोट दिया था। मैं केजरीवाल को याद कराने आया हूं कि भइया केजरीवाल आपने जो वादे किए थे वो आप तो भूल गए लेकिन वो वादे न दिल्ली की जनता भूली है और न ही भाजपा के कार्यकर्ता भूले हैं।
जरा बताएं कि कितने स्कूल बनाए। 15 लाख सीसीटीवी कैमरा लगाने की बात कही थी, और कुछ ही सीसीटीवी लगाकर जनता को बेवकूफ बना रहे हो।
आज पूरे भारत में सबसे खराब पानी दिल्ली की जनता को मिल रहा है। यमुना जी को स्वच्छ करने की आप के बूते की बात नहीं है। मोदी जी और योगी जी ने गंगा स्वच्छ करने का काम किया है और यमुना भी हम ही स्वच्छ करेंगे।
केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को हम अधिकृत कर देंगे। लेकिन हमेशा इस काम में अड़ंगा लगाया। नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली के करीब 1,731 अनिधिकृत कॉलोनियों के लोगों को 5 हजार रुपये में अपने घर का मालिकाना हक देने का काम किया है।
नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री आवास योजना लाए, ये भी केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में नहीं लागू कीं। करीब 112 ऐसी योजनाओं के बीच में केजरीवाल रोड़ा हैं। एक बार ये रोड़ा हटा दो, ये सभी योजनाएं दिल्ली वालों के घर तक पहुंच जाएंगी।
2 साल पहले जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगे- भारत के टुकड़े हों एक हजार...मोदी जी ने इनको जेल में डाला तो तुरंत केजरीवाल और राहुल एंड कंपनी वहां पहुंच गई और कहने लगे कि ये उनको वाणी स्वतंत्रता का अधिकार है।




