कानून बनने के बाद किसी को उसे नकारने का अधिकार नहीं : राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

अयोध्या, । अयोध्या पहुंचे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून पर कहा कि संविधान राष्ट्रीय दायित्व में से पहला दायित्व संविधान का सम्मान करना है। कानून का सम्मान करना, उसका आचरण करना है। साधारण व्यक्ति हो या किसी जिम्मेदार पद पर। कोई व्यक्ति अनदेखा करता है तो उसके लिए मेरी शुभकामनाएं। देश के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कानून को आप सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं। अपनी राय रख सकते हैं, देश की जनता के पास अगले चुनाव में जा सकते हैं और कह सकते हैं इस कानून को हम बदलेंगे, लेकिन कानून बनने के बाद किसी को यह कहने का अधिकार नहीं कि हम कानून को लागू नहीं करेंगे।
अवध विश्वविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में शामिल होने अयोध्या पहुंचे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरला विधानसभा में पारित प्रस्ताव को लेकर कहा कि केरला विधानसभा की नियमावली स्पष्ट है। कोई भी विषय राज्य सरकार के अधीन नहीं आता, उस पर चर्चा नहीं हो सकती। ठीक इसी तरह आदेश होने से पहले मुख्यमंत्री राज्यपाल को फाइल पेश करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले राज्यपाल को होनी चाहिए थी सूचना जो नहीं दी गई जो अपने आप में अनुचित है। कानूनी तौर पर उसकी इजाजत नहीं है। ऐसे किसी भी विषय में जहां राज्य सरकार और केंद्र सरकार के रिश्तोंं का मामला या सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट से संबंध का मामला हो। वहां बगैर गवर्नर के संज्ञान में लाए हुए क्या ऐसे किया जा सकता है। उसके नियम बिल्कुल भी इसकी इजाजत नहीं देते। राज्यपाल का एक ही काम होता है। सरकार संविधान कानून और नियम के अनुरूप चले।
'Assembly has framed rules of transaction of business & it has been violated in approaching Supreme Court without informing Governor. It is not legal. I will not allow constitutional machinery to collapse in State', Hon'ble Governor Shri Arif Mohammed Khan told Media in T'puram.
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) January 20, 2020




