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उत्तर प्रदेश

पति ने की आत्महत्या तो सदमे में पत्नी ने भी तोड़ा दम, बेटी भी अस्पताल में भर्ती

पति ने की आत्महत्या तो सदमे में पत्नी ने भी तोड़ा दम, बेटी भी अस्पताल में भर्ती
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अयोध्या. पति ने रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. जिसके बाद सदमे में पत्नी ने भी दम तोड़ दिया. उधर बेटी भी सदमे से बीमार हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

पति का शव देखने के बाद पत्नी सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई और हार्ट अटैक के चलते उसकी मौत हो गई. पति-पत्नी दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया. परिवार में एक के बाद एक दो मौत से सभी सदमे में हैं. छोटी बेटी को भी सदमे के चलते हालत बिगड़ने पर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

मानसिक रूप से परेशान था पति

वाकया जनपद के कुमारगंज कस्बे का है. सोमवार की रात कुमारगंज थाने के निकट कस्बा निवासी 50 वर्षीय दुखहरण सिंह पुत्र स्वर्गीय राम प्रताप सिंह ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. दुखहरण मूल रूप से इसी जनपद के महाराजगंज थाना क्षेत्र स्थित ज्ञानापुर गांव के मूल निवासी थे. जिला प्रशासन के सहयोग से रात में ही ईंट-भट्ठा व्यवसाई दुखहरण सिंह का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद शव आवास पहुंचा तो उनकी पत्नी 47 वर्षीय उषा सिंह अपने जीवनसाथी के बिछड़ने का गम बर्दाश्त नहीं कर सकी. सदमे के चलते हार्ट अटैक हुआ और उषा सिंह की भी मौत हो गई. कुछ ही घंटों के अंतराल पर दो मौतों से परिवार का बुरा हाल है.

एक साथ हुआ दोनों का अंतिम संस्कार

दोनों की शव यात्रा भी एक साथ श्मशान के लिए रवाना हुई. श्मशान पहुंचकर दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया. दुखहरण सिंह के बहन का विवाह पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर के चांदा क्षेत्र में हुआ था. हालांकि उनके जीजा का परिवार पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर के सीमा स्थित कुमारगंज कस्बे में रहता था. बचपन में ही दुखहरण अपनी बहन के घर चले गए और वहीं रहकर पढ़ाई लिखाई की और बड़े हुए. बाद में कुमारगंज कस्बे में ही अपना आवास बनवा लिया और परिवार समेत रहने लगे. साझेदारी में एक ईंट-भट्ठे का संचालन करने लगे. दंपत्ति की तीन संताने हैं. जिसमें बड़ी बेटी की शादी 2 साल पूर्व हो चुकी है. बेटा दिग्विजय सिंह है और छोटी बेटी बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा है. साझेदारी में चल रहे व्यवसाय में अनबन के चलते ईंट-भट्टे का व्यवसाय खराब हो गया. इस बीच दुखहरण सिंह मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे. सीओ मिल्कीपुर राजेश राय का कहना है कि आर्थिक और मानसिक परेशानी के चलते उन्होंने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली.

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