शहीद के बेटे ने दी मुखाग्नि, बोला- सेना में भर्ती होकर पिता का सपना करुंगा पूरा

कानपुर. कारगिल के मशकोह वैली में हिमस्खलन से शहीद हुए हवलदार धर्मेंद्र ङ्क्षसह का पार्थिव शरीर रविवार सुबह पैतृक गांव पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. प्रशासनिक अफसरों, पार्टी के नेताओं समेत आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने पहुंच गए. सैन्य सलामी के बाद लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी तो माहौल गमगीन हो गया. बता दें कि गुरुवार को द्रास सेक्टर के मशकोह वैली स्थित सेना की चौकी हिमस्खलन की चपेट में आ गई थी. इस घटना में घाटमपुर के पतारा बिराहिनपुर गांव के रहने वाले हवलदार धर्मेंद्र सिंह भी शहीद हो गए थे. सूचना मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया था.
यूपी सरकार की प्रावधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी भी गांव पहुंची और शहीद की पत्नी व बच्चों को हर संभव मदद का भरोसा देकर ढांढस बंधाया. शहीद को मुखाग्नि देने वाले उसके बेटे उत्कर्ष ने कहा कि वह सेना में भर्ती होकर पिता का सपना पूरा करेगा. शनिवार की दोपहर शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर श्रीनगर से नई दिल्ली लाया गया था. आज सुबह सेना की एंबुलेंस से पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया गया. जिसकी सूचना पर आसपास के गांवों से जुटी हजारों की भीड़ ने भारत माता का जय बोला तो आसमान गूंज उठा.
लोग भारत माता की जय के साथ शहीद धर्मेंद्र सिंह अमर रहे व जब तक सूरज चांद रहेगा, धर्मेंद्र तेरा नाम रहेगा नारे लगा रहे थे. मंत्री कमलरानी, एसडीएम वरुण पांडेय, सीओ रवि कुमार सिंह, तहसीलदार विजय यादव आदि ने पुष्पचक्र अर्पित किए. इसके बाद सैनिक सम्मान के बीच बड़े पुत्र उत्कर्ष ने शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि दी




