जलीस अंसारी ने किया बड़ा खुलासा, बोला सीएए के विरोध में यूपी को दहलाने आया था

कानपुर के फेथफुलगंज से शुक्रवार को गिरफ्तार इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी डॉ. जलीस अंसारी उर्फ डॉ. बम सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध को और तेज कराने और उपद्रवियों का दुस्साहस बढ़ाने का तानाबाना बुन रहा था। पूरे यूपी को बम धमाकों से दहलाने की साजिश रच रहे डॉ. बम के पहले निशाने पर कानपुर, मेरठ और रामपुर थे। उसने योजना बनाई थी कि वह मुंबई से फरार होने ते बाद सोनौली के रास्ते नेपाल भाग जाएगा और पुराने साथियों की मदद से यूपी में आतंकी हमलों को अंजाम दिलाएगा। शनिवार को एटीएस की पूछताछ में उसने यह जानकारियां दी हैं। जलीस ने बताया है कि 1993 में बम धमाकों की नींव उसने कानपुर से ही रखी थी। लिहाजा, इस बार भी यहीं से बम विस्फोटों की शुरुआत करने वाला था। यहां उसके पास मुफीद ठिकाने और तमाम लोग हैं।
अपने मददगारों को प्लानिंग समझाने के लिए कानपुर आया था। यहां से वह गोरखपुर जाता, जहां देश की सीमा पार कराने के लिए लोग इंतजार कर रहे थे। वैसे तो सोनौली से नेपाल जाना था, लेकिन कोई खतरा होने पर गोरखपुर के बजाय खलीलाबाद से होते हुए नौतनवा की तरफ से निकलकर सरहद पार कर जाता। इसके लिए बखिरा क्षेत्र के पुराने परिचितों से संपर्क साध रखा था।
सीएए के विरोध में उपद्रव शुरू होते ही रखी जाने लगी थी नजर
सीएए के विरोध में देश भर में उपद्रव शुरू होते ही जेल में जलीस की गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी थी। उसके मंसूबों को एटीएस ने भांप लिया था। जलीस आईएसआई के हर इंडियन माड्यूल को संचालित करता था। उसके जरिये एटीएस आतंकवाद के अन्य आकाओं तक पहुंचना चाहती थी। यही वजह रही कि किसी सुरक्षा एजेंसी ने जलीस के पैरोल का विरोध नहीं किया।
जनरल टिकट लेकर मुंबई से आया था कानपुर
मुंबई से जनरल टिकट लेकर जलीस पुष्पक एक्सप्रेस से कानपुर पहुंचा था। अफसरों का कहना है कि जलीस का हर शहर में नेटवर्क है। परिस्थितियों के मुताबिक किसी भी स्टेशन पर उतर कर ठिकाना ढूंढ लेता है। उसकेमुंबई से निकलते ही एटीएस ने गोरखपुर रूट के हर जिले की पुलिस को अलर्ट कर दिया था, लेकिन मुरादाबाद, कानपुर और लखनऊ में उसकेउतरने की ज्यादा संभावना थी। लखनऊ में उतरने पर वह दूसरी ट्रेन या बस से खलीलाबाद या गोरखपुर जाता। लिहाजा, इन शहरों की पुलिस पहले ही चौकन्नी थी।
खुद को नहीं याद, कितने धमाके किए
एटीएस की पूछताछ में जलीस ने देश भर में 54 धमाकों की समय और तारीख की जानकारी दी है। उसका कहना है कि 100 से ज्यादा बम विस्फोटों को अंजाम दे चुका है, लेकिन सबके बारे में उसे याद नहीं है। उसने बताया कि साल 2006 में मुंबई के भिवंडी दंगे में उसकी अहम भूमिका थी। 1994 से पहले देश में हुए हर बड़े दंगे में उसका हाथ था।




