मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन और हिंसा में गिरफ्तार 54 लोगों को नहीं मिली राहत

मुजफ्फरनगर. शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार 54 लोगों की न्यायिक हिरासत को बढ़ाकर 28 जनवरी तक कर दी गई है. बता दें कि मुजफ्फरनगर सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी. शहर के मीनाक्षी चौक के पास हिंसक प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान हुई गोलीबारी में तीन लोग घायल हुए थे. पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था.
इससे पहले पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में संशोधित नगारिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान झड़पों के बाद करीब 1,200 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 5,558 लोगों को एहतियातन हिरासत में रखा गया था.
आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में 46 लोगों को नोटिस भेजा था. अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अमित कुमार के नेतृत्व में गठित एक पैनल ने 46 लोगों को नोटिस जारी किया था.
अमित कुमार ने कहा कि अधिकारियों ने पाया कि ये आरोपी 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान तोड़-फोड़ में शामिल थे. उन्होंने बताया कि आरोपियों को नौ जनवरी तक जवाब देने का समय दिया गया है. वहीं मदरसे के 4 छात्रों को एक अदालत के आदेश के बाद छोड़ दिया गया क्योंकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर रिपोर्ट में पुलिस ने इन छात्रों को क्लीन चिट दे दी थी.




