मेडिकल अफसर ने टोका तो अखिलेश ने लगाई फटकार, कहा-तुम सरकार का पक्ष नहीं ले सकते बाहर जाओ

कन्नौज, बस हादसे के घायलों को देखने के लिए छिबरामऊ स्थित अस्पताल पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घायलों से बातचीत के दौरान बीच में टोकने पर मेडिकल अफसर को फटकार लगा दी। अखिलेश ने उससे यह तक कह दिया, तुम सरकार का पक्ष नहीं ले सकते, तुम बाहर निकल जाओ...। इस घटना क्रम के बाद जब उसका निवास स्थान बताया गया तो उन्होंने कहा कि गोरखपुर, इसीलिए किसकी साइड ले रहे हैं ये पता है।
सोमवार की दोपहर पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बस हादसे के घायलों से मिलने छिबरामऊ अस्पताल पहुंचे थे। यहां पर वह घायलों से घटना के बारे में पूछताछ कर रहे थे। उनके पास में ही अस्पताल के मेडिकल अफसर भी मौजदू थे। घायल बता रहे थे कि बस में अस्सी लोग थे, भइया इसको चेक तक नहीं किया गया। इस बीच मेडिकल अफसर ने बीच में टोक दिया तो अखिलेश नाराज हो गए।
अखिलेश ने उससे कहा, तुम मत बोलो बीच में, तुम सरकारी आदमी हो, हम जानते हैं क्या होती है सरकार, तुम मत बोले, इसलिए तुम मत बोलो तुम सरकार के आदमी हो, तुम्हें नहीं बोलना चाहिये। इसपर मेडिकल अफसर ने कहा कि यहां जनता की तरह बोल रहा हूं तो अखिलेश ने कहा कि तुम सरकार का पक्ष नहीं ले सकते, बहुत छोटे अधिकारी हो बहुत छोटे कर्मचारी हो।
अखिलेश बोले- तुम आरएसएस के हो सकते हो बीजेपी के हो सकते हो, यह बात नहीं कर सकते हो वो क्या कह रहा, तुम मुझे नहीं समझा सकते हो...। अखिलेश ने नाराजगी भरे लहजे में कहा-दूर हो जाओ एकदम दूर हो जाओ एकदम हट जाइए, यहां से भाग जाइए यहां से बाहर भाग जाओ यहां से।
मेडिकल अफसर के मौके से जाने के बाद अखिलेश ने कहा-वो अस्सी बताया तो उसपे नहीं कहेगा अस्सी थे, वहां तुम्हारा क्या लिख रहा प्रशासन अस्सी थे कि नहीं थे। इसी बीत घायल के तीमारदार ने कहा-भइया कम से कम पचास आदमी मरा होगा। इसपर अखिलेश ने पूछा-कौन है मेडिकल अफसर तो जवाब मिला कमलेश जी मेडिकल अफसर हैं। फिर अखिलेश ने प्रश्न किया-कहां के रहने वाले हैं तो जवाब मिला गोरखपुर। इसपर अखिलेश ने चुटकी भरे अंदाज में कहा- गोरखपुर, इसीलिए किसकी साइड ले रहे हैं अस्सी थे तो बताओ, इसको बीच में बोलना ही नहीं चाहिये था।
#WATCH Former CM Akhilesh Yadav who went to meet injured of Kannauj accident, at a hospital in Chhibramau asks Emergency Medical Officer to leave the room as he speaks about compensation amount been given to the injured,says, "Tum sarkar ka paksh nahi le sakte...bahar bhaag jao". pic.twitter.com/U3DrdHI1se
— ANI UP (@ANINewsUP) January 14, 2020
मृतकों के घर वालों को दस-दस लाख रुपये देने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घायलों से उपचार और मदद के बारे में जानकारी ली। कहा, सत्ता में आने पर कन्नौज बस हादसे के मृतकों के घर वालों को 20-20 लाख रुपये की मदद दी जाएगी। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से मृतकों के घर वालों को दस-दस लाख रुपये देने की मांग की। तिर्वा मेडिकल कॉलेज में संविदा पर कार्यरत नर्सों ने स्थायी नौकरी की मांग रखी तो अखिलेश बोले सरकार बनवाइए और नौकरी पाइए।
मोबाइल नेटवर्क से पता लगाएं घायलों की संख्या
घायलों से मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में सरकार के मृतकों की संख्या छिपाने का आरोप लगाकर कहा कि सरकार तकनीक का उपयोग कर लापता लोगों की संख्या पता करे। वहां यात्रियों के मोबाइल ऑन रहे होंगे। नेटवर्क और टावर से पता चल सकता है कि कितने मोबाइल चालू थे। सरकार अगर तीन माह में जानकारी चाहेगी तो मोबाइल कंपनियां भी जानकारी दे देंगी। लापता लोगों के मोबाइल नंबर लेकर जानकारी ली जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बस के सवारों से पता चला कि 80 से अधिक यात्री थे। बस मालिक को पकड़ें तो सही संख्या सामने आएगी। उन्होंने लोगों को सही जानकारी देने के लिए सरकार से एक नंबर जारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि तालग्राम में सपा सरकार ने फारेंसिक लैब निर्माण शुरू किया था। ये लैब बन गई होती तो डीएनए टेस्ट यहीं हो जाता और लोगों को राहत मिल जाती।
नहीं थे सुरक्षा मानक, बस संचालक पर हो कार्रवाई
अखिलेश ने कहा कि हादसाग्र्रस्त बस में न तो इमरजेंसी दरवाजा था और ना ही खिड़की। पीछे शीशे की जगह टीन लगी थी। बस की चेसिस चार फीट बढ़ी थी। हादसे का मुख्य जिम्मेदार बस संचालक है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पता चला है, बस संचालक भाजपा का सदस्य है, इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही। पुलिस एजेंट ढूंढऩे के बजाय मालिक पर कार्रवाई करे और अïवैध बसें बंद कराए।




