सीसी फुटेज में वार करते दिखे आरोपी, दो गिरफ्तार-तीन फरार

लखनऊ, । अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी मर्डर केस में छानबीन के दौरान पूरी वारदात सीसी कैमरे में कैद मिली। फुटेज में पांच लोग नजर आ रहे हैं, जिनमें विनायक शिशिर को पकड़े हुए दिखा है। यही नहीं एक हमलावर ने सबसे पहले शिशिर को थप्पड़ मारा था। इसके बाद दूसरे ने डंडे व तीसरे ने ब्लेड से ताबड़तोड़ वार किए थे। फुटेज के जरिए पुलिस आरोपितों की पहचान कर उनकी तलाश में दबिश दे रही है। वारदात में एक अन्य युवक का नाम भी सामने आया है, जो नामजद नहीं है। सीओ कृष्णानगर अमित कुमार राय का कहना है कि पुलिस ने एक नामजद आरोपित विनायक ठाकुर और मुख्य आरोपी मोनू तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
पुलिस से की थी शिकायत, फिर भी हो गई हत्या
पिता गोपीचंद्र का आरोप है कि शिशिर ने कृष्णानगर पुलिस शिकायत कर सुरक्षा की मांग की थी। अधिवक्ता ने पुलिस को बताया था कि उनकी जान को खतरा है और आरोपित कभी भी उनपर हमला कर सकते हैं। घरवालों ने बताया कि पूर्व में कृष्णानगर पुलिस ने गांजा बेचने के आरोप में एक युवक को जेल भेजा था। इसपर उपेंद्र तिवारी ने शिशिर पर आरोप लगाया था कि उसी के इशारे पर गांजे के साथ युवक को पकड़ा गया है। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। यह मामला थाने भी पहुंचा, लेकिन कृष्णानगर थाने की पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
एसएसपी के खिलाफ नारेबाजी
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन की जानकारी पाकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव भी पहुंचे। इस दौरान वकीलों ने एक करोड़ रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, हत्यारोपितों की गिरफ्तारी व दोषी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने एसएसपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और डीएम को बुलाने की मांग करते रहे। जिला प्रशासन ने पीडि़त परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा डीएम ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी मदद का आश्वासन दिया है। एसएसपी ने अतिरिक्त इंस्पेक्टर अपराध कृष्णानगर रामकुमार को थाने का प्रभार सौंपा है।




