Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

जेएनयू की घटना भारतीय संविधान और कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह

जेएनयू की घटना भारतीय संविधान और कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह
X

भारतीय राष्ट्रवादी विचार मंच की बैठक में जेएनयू के अंदर घुस कर नकाबपोशों द्वारा छात्र छात्राओं के साथ की गई मारपीट की कड़ी निंदा की गई। बैठक में राष्ट्रीय विचारक जेएनयू के पूर्व छात्र नेता डॉ राकेश रफीक ने कहा कि जेएनयू की घटना भारतीय संविधान और कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह है।भारत में सभी जाति और धर्म के लोग रहते हैं।संविधान में किसी भी तरीके का भेदभाव करने का उल्लेख नहीं किया गया है। भारतीय व्यवस्था महात्मा गांधी के राष्ट्रवाद से बेहतर चल सकती है। महात्मा गांधी के देश में उन्हीं के बताए हुए तरीकों से शांति पूर्वक सीएए और फीस वृद्धि का विरोध करने वाले छात्रों को अपनी बात कहने का मौलिक अधिकार है।दमन करने से इसको दबाया नहीं जा सकता। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाई गई इमरजेंसी और भारतवासियों पर किया गया दमन इसका प्रमाण है। भारत देश के लोग अपनी आवाज को बुलंद करने की स्वतंत्रता पर किसी भी तरह की रोक को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि समय रहते जेएनयू में घुसकर मारपीट करने वालों को चिन्हित करें और उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। कसीम आजाद ने कहा कि पाकिस्तान में गुरुद्वारे में पर किए गए हमले सिक्खों पर किया जाने वाला आक्रमण जेएनयू में छात्र-छात्राओं पर की गई बर्बर कार्रवाई एनआरसी को शांतिपूर्वक विरोध करने वाले भारतवासियों पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता यह सभी एक ही तरह की श्रेणी में आते हैं। राष्ट्रवादी विचार मंच की बैठक में जेएनयू में घुसकर नकाबपोश द्वारा हाथ में डंडा लेकर छात्रों के साथ मारपीट करने को अलोकतांत्रिक और गुंडागर्दी वाला बताते हुए घोर निंदा की गई। नोमान जमाल ने कहा कि जेएनयू अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंतन केंद्र है। चिंतन की स्वतंत्रता को दबाया जाना अलोकतांत्रिक है। से सहन नहीं किया जाएगा। कहा कि इंदिरा गांधी के जमाने में जनता की आवाज को दबाने की कोशिश की गई थी। जनता ने उन्हें सत्ता से हटा कर दिया। ऐसा ही कुछ वर्तमान में हो रहा है। गांधी जी के सपनों का यह राष्ट्रवाद नहीं है।सबको अपनी बात कहने की आजादी है। जाति और धर्म के आधार पर झगड़ों को रोका जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि हमलावर जेएनयू में घुसते हैं और छात्रों को पीट कर आराम से बाहर निकल जाते हैं। यह पुलिसिया कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह है। बैठक में जेएनयू के पूर्व छात्र डॉ राकेश रफीक, डॉ जितेंद्र कुमार दक्ष, नोमान जमाल, रंजीत यादव, प्रशांत गुप्ता, देवेंद्र गांधी, कसीम आजाद, मोहम्मद रफी एडवोकेट, आसिफ कमल एडवोकेट आदि ने भाग लिया।

Next Story
Share it