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उत्तर प्रदेश

बेसिक शिक्षा के 16 हजार विद्यालयों का विलय, पदों में भी होगी कटौती

बेसिक शिक्षा के 16 हजार विद्यालयों का विलय, पदों में भी होगी कटौती
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बेसिक शिक्षा परिषद के एक ही परिसर में चल रहे 16 हजार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का विलय हो गया है। इससे हर साल करोड़ों रुपये के खर्च की बचत होगी वहीं, प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों के पदों में भी कटौती होगी। यह व्यवस्था प्रदेश सरकार के खर्च घटाने के निर्देश के मद्देनजर की गई है।

जिन प्राथमिक विद्यालयों का उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विलय किया गया है, उनमें आठ हजार से अधिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद समाप्त हो जाएंगे।

उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक और प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की श्रेणी समान है। प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में तैनात किया जाएगा।

स्कूलों के विलय के बाद वहां छात्र संख्या के अनुपात में सहायक अध्यापकों की तैनाती होने से सहायक अध्यापक सरप्लस हो जाएंगे। प्रदेश में अभी 158914 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों का विलय होने से प्रधानाध्यापक और अध्यापकों के पद भी कम हो जाएंगे।

अधिकारी बताते हैं कि पहले जहां एक ही परिसर में तीन जगह मिड डे मील पकाया जाता था वहीं अब एक ही जगह बच्चों के लिए भोजन बनेगा। स्कूलों के फर्नीचर, बिजली खर्च सहित अन्य खर्चों में भी कमी होगी।

विलय के बाद सरप्लस हुए शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों को अन्य स्कूलों के रिक्त पदों पर तैनात करने से वहां शिक्षण व्यवस्था ठीक होगी। निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि एक ही परिसर में संचालित करीब 16 हजार स्कूलों का विलय किया गया है। प्रधानाध्यापकों और सहायक अध्यापकों की तैनाती के लिए निर्देश दिए गए हैं।

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