उन्नाव : आवारा पशुओं को विद्यालय में बंद करने पर पुलिस ने की पिटाई, ग्रामीणों में भारी आक्रोश।

सुमित यादव की रिपोर्ट ...
आवारा पशुओं से परेशान जनपद के किसान भयंकर खून जमा देने वाली सर्दी में कर रहे रात दिन खेतों की रखवाली।सर्दी में खेतों की रखवाली करते एक किसान की ठंड से मौत हो गई।आक्रोश किसानों ने जानवरों को प्राथमिक विद्यालय में कर दिया बंद।जिसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं/किसानों पर जम कर लाठी भांजी और आधा सैकड़ा किसानो पर मुकदमा दर्ज कर बंद कर दिया।
घटना बिहार थाना क्षेत्र के ग़ोबरह गाँव की है।जब किसानों ने जानवरो को विद्यालय में बंद किया तो पुलिस ने महिलाओं से अभद्रता की।किसानो पर लाठियां बरसाई।महिला और किसान विरोधी सरकार अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने वालों पर लाठियां बरसाएगी ? जनपद सहित जहाँ ग़ोबरहा के किसान भी जानवरो के आतंक से परेशान हैं।गौशाला सिर्फ कागजो में संचालित हो रही हैं जबकि हकीकत यह है कि किसी भी अस्थाई गौशाला में एक दर्जन जानवर भी बंद नहीं किये गए हैं।सरकार और अधिकारियों की मिली भगत से हर महीने चारे और गौवंशों के रखरखाव के नाम पर लाखों रुपये के वारे न्यारे हो रहे हैं।
एमएलसी सुनील सिंह साजन जी द्वारा उक्त प्रकरण को सदन तक मे उठाया जा चुका है लेकिन लूट और बेईमानी की बुनियाद पर बनी सरकार ने जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
गौवंशों को गाँवो में बनी अस्थाई गौशाला में बंद करने का काम सरकार ने प्रधान और लेखपाल को सौपा था अगर आज भी जानवर आवारा घूम रहे हैं तो कार्यवाही पहले जिम्मेदार लोगों पर की जाय।लेकिन ये किसान विरोधी सरकार उल्टे पुलिस के दम पर किसानों की आवाज को दबाने का काम कर रही हैं।फर्जी मुकदमों में इन्हें जेल भेज रही हैं।
राजा राव रामबक्श सिंह चंद्रशेखर आज़ाद की धरती उन्नाव का किसान सरकार की इस डंडे वाली हुकूमत के आगे झुकने वाला नही है।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष/एमएलसी और सभी पदाधिकारियों से अनुरोध है कि किसानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएं।जिन किसानों पर मुकदमे लिखे गए हैं उन्हें वापस कराए।गोबरहा गाँव के किसानों से मिल कर उन्हें न्याय दिलाये।




