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उत्तर प्रदेश

मंडलायुक्त ने ठगी के मामले में तहसीलदार सदर को जांच सौंपी

मंडलायुक्त ने ठगी के मामले में तहसीलदार सदर को जांच सौंपी
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आजमगढ़

लेखपाल ने कृषि बीमा एवं वरासत कराने का वादा कर एक विधवा से साढ़े छह हजार रुपये वसूल लिए। वादा खिलाफी हुई तो विधवा ने कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई। मंडलायुक्त ने ठगी मामले को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार सदर को जांच सौंपी है। रेलकर्मी पति के दिवंगत होने पर विधवा वरासत एवं कृषक बीमा योजना का लाभ लेने को लेखपाल से मुलाकात की थी।

सदर तहसील के देवरिया खालसा गांव निवासी रेलवे कर्मी शैलेश कुमार की 20 अगस्त को घर से एक किमी दूर पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के निकट एक गड्ढे में डूबने से मौत हो गई थी। शैलेश के नाम से तमाम जमीन भी है। उनकी पत्नी मंजू देवी लेखपाल से मुलाकात कर कृषक बीमा व वरासत की बात कही। आरोप है कि लेखपाल ने उनसे कृषक बीमा के नाम पर पहले पांच हजार रुपये वसूले लिए। उसके बाद वरासत के नाम पर डेढ़ हजार रुपया ले लिए। वरासत का वादा तो पूरा हो गया, लेकिन कृषक बीमा का लाभ नहीं मिलने पर विधवा मंजू बेटे के साथ मंडलायुक्त से मिलकर अपनी परेशानी बताई। कमिश्नर ने फोन से तहसीलदार पवन कुमार सिंह को जानकारी दीं। हालांकि, तहसीलदार ने मामला पहले से संज्ञान में होने की बात कही। वह लेखपाल से पांच हजार रुपये वापस दिला चुके हैं। तहसीलदार ने बताया कि शैलेश रेलवे में नौकरी करते थे, लिहाजा कृषक दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं मिलेगा। लेखपाल ने झूठा आश्वासन देकर धोखाधड़ी की है। मंडलायुक्त ने कार्रवाई की संस्तुति करते हुए तहसीलदार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़

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