तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के लिए अलग से होगा फास्ट ट्रैक कोर्ट, मिलेगी छह हजार रुपये सालाना की आर्थिक मदद

प्रदेश में तीन तलाक पीड़ित और परित्यकता महिलाओं को छह हजार रुपये सालाना आर्थिक मदद नए वर्ष में मिलने लगेगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में ही दोनों श्रेणियों की 5-5 हजार महिलाओं को योजना का लाभ देने का लक्ष्य है। लाभ पाने के लिए किसी तरह की कोई अधिकतम आयसीमा नहीं रखी गई है। अत्याचार की एफआईआर या अदालत में भरण-पोषण का मुकदमा ही पर्याप्त आधार होगा। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जाएगा।
तीन तलाक को अपराध के दायरे में लाए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित महिलाओं की मदद की घोषणा की थी। इसके दायरे में मुस्लिम महिलाओं के अलावा हिंदू व अन्य धर्मों की पीड़ित परित्यक्ता महिलाओं को भी लाया गया है। तय हुआ है कि चालू वित्त वर्ष से ही आर्थिक मदद दिए जाने की योजना लागू की जाएगी।
इसके लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने प्रदेश की तीन तलाक से पीड़ित 5 हजार महिलाओं को चिह्नित कर लिया है। वहीं, इतनी ही परित्यक्ता महिलाओं के बारे में भी सर्वे करा लिया गया है। पहले चरण में इन महिलाओं को लाभ दिया जाएगा।
कैबिनेट प्रस्ताव पर प्रस्तुतिकरण के लिए शुक्रवार को लोकभवन में बैठक भी बुलाई गई थी, पर सीएम योगी आदित्यनाथ की व्यस्तता के चलते बैठक रद्द करनी पड़ी। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट की अगली बैठक में इस प्रस्ताव को लाया जाएगा। शीघ्र ही सीएम इस प्रस्तुतिकरण को देखेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार चालू वित्त वर्ष में ही यह सुविधा प्रारंभ कर देगी।
तीन तलाक पीड़ित और परित्यक्ता महिलाओं के लिए अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था भी सरकार करेगी, ताकि उनके मामले में फैसला जल्द आ सके। इसके अलावा ऐसी जरूरतमंद महिलाओं के लिए सरकार मुफ्त आवास भीदेगी। शासन के सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए कैबिनेट प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी संबंधित विभागों को दे दिए गए हैं।




