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उत्तर प्रदेश

सपा नेताओं ने जिलाधिकारी से अपील की NRC और CAA के 71 बन्दियो को अविलंब जेल से रिहा किया जाय

सपा नेताओं ने जिलाधिकारी से अपील की NRC और CAA के  71 बन्दियो को अविलंब जेल से रिहा किया जाय
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वाराणसी 27 दिसम्बर: NRC और CAA के विरुद्ध 19 दिसम्बर को नई सड़क पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे 71 लोगों को धारा 144 तोड़ने के जुर्म में गिरफ्तार कर जिला जेल वाराणसी में निरुद्ध किया गया है।

इन 71 बन्दियों से आज समाजवादी पार्टी के स्थानीय प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर हालचाल लिया। नि० जिलाध्यक्ष पीयूष यादव, नि० महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल व पूर्व लोकसभा प्रत्याशी श्रीमती शालिनी यादव ने सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मा० श्री अखिलेश यादव जी के निर्देश पर जिला जेल पहुंच कर बन्दियों से मुलाकात की और उनका हालचाल प्राप्त किया तथा पूरे घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को प्रेषित किया गया है।

बन्दियों से मुलाकात के उपरांत जेल से बाहर आने पर जिलाध्यक्ष डा पीयूष यादव ने कहा कि बंदियों में 16 लोग जिनकी उम्र 68 से 82 वर्ष के बीच हैं, वे सभी भयानक ठंड से बुरी तरह पीड़ित दिखें तो पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाने वाले दंपति श्री रवि शेखर व एकता शेखर अपने एक वर्षीय बच्ची के बिछोह से दुःखी हैं, हरिश्चंद्र पोस्ट ग्रेजुएट कालेज का छात्र शाहिद ज़माल जोकि विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं था अपने रिश्तेदार से मिलने नईसड़क गया था उसे अनायास प्रदर्शनकारियों के साथ जेल भेज दिया गया।

महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल ने कहा कि तथ्यपरक यह भी है कि 71 बंदियों में 70 प्रतिशत लोग गैर मुस्लिम समुदाय के हैं जोकि यह साबित करता है कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाये गए NRC जैसे अविवेकपूर्ण फैसले से पूरे भारत के आमजनमानस में उहापोह व असमंजस की स्थिति है।

प्रतिनिधि मंडल की सदस्य श्रीमती शालिनी यादव ने कहा कि विरोध स्वरूप धारा 144 का उल्लंघन करने पर उससे संबंधित धाराओं में अपराध पंजीकरण करने के बजाय बन्दियों पर 7CLA व अन्य गैरजमानती धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने से कही न कहीं जिला प्रशासन पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है और लोकतंत्र में आमजन को विरोध करने के प्रदत्त अधिकारों का हनन भी हो रहा है।

सपा नेताओं ने वाराणसी जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से पुरजोर मांग किया है कि लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्वक अपनी मांग रखने वाले इन 71 लोगों को अविलंब जेल से रिहा किया जाय ताकि आमजन का विश्वास और भरोसा प्रजातंत्र में कायम रहे।

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