महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले के 9 मामले हुए बंद, ACB ने कहा- अजीत पवार से जुड़ा कोई मामला नहीं

मुंबई, । महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ सिंचाई घोटाले मामले पर महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक परमबीर सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआइ को बताया कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ हम सिंचाई संबंधी शिकायतों में लगभग 3000 टेंडर्स की जांच कर रहे हैं। ये नियमित पूछताछ हैं जो बंद की गई हैं और बाकी सभी जांचें पहले की तरह चल रही हैं।
इसके साथ ही महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक परमबीर सिंह ने कहा कि आज जिन 9 पूछताछ को बंद किया गया है उनमें से किसी भी जांच में अजीत पवार का नाम नहीं है। इन 9 पूछताछ में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। ये एक रूटीन पूछताछ है।
#WATCH Maharashtra Anti Corruption Bureau (ACB) DG, Parambir Singh: In none of the 9 inquiries that have been closed today, name of Ajit Pawar is figured. No irregularities were found in these 9 inquiries. These are routine inquiries. pic.twitter.com/kme8VOOAsN
— ANI (@ANI) November 25, 2019
वहीं, इसके पहले सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बड़ी राहत मिलने की खबर आई थी। जिसमे कहा गया था कि उनके खिलाफ सिंचाई घोटाला मामले को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया। सूत्रों से बताया गया था कि इस घोटाले में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के सूत्रों के अनुसार सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले मामलों की सूची में कोई भी मामला महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ कथित रूप से सिंचाई भ्रष्टाचार के मामले से संबंधित नहीं है।
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के सूत्रों का कहना था कि आज जो मामले बंद थे, वे सशर्त थे, यदि मामले में अधिक जानकारी प्रकाश में आती है या कोर्ट आगे की जांच का आदेश देती हैं तो उनपर आगे कार्रवाई की जाएगी। जो कि सूत्रों को गलत ठहराते हुए अब महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक परमवीर सिंह ने कहा दिया है कि जो भी मामले बंद हुए हैं उनमें उपमुख्यमंत्री पवार के सिंचाई घोटाले से कोई संबंध नहीं है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 1999 से 2009 के बीच कथित तौर पर 70 हजार करोड़ रुपये का सिंचाई घोटाला हुआ था। जिसमें महाराष्ट्र में हुए करीब 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने नवंबर 2018 में अजीत पवार को जिम्मेदार ठहराया था। महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया था कि करोड़ों रुपये के कथित सिंचाई घोटाला मामले में उसकी जांच में अजीत तथा अन्य सरकारी अधिकारियों की ओर से भारी चूक की बात सामने आई है। यह घोटाला करीब 70,000 करोड़ रुपए का है, जो कांग्रेस- एनसीपी के शासन के दौरान अनेक सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने और उन्हें शुरू करने में कथित भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है।