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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण लीला और गोवर्धन पूजा के प्रसंग पर झूमे भक्त

श्रीकृष्ण लीला और गोवर्धन पूजा के प्रसंग पर झूमे भक्त
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खलीलाबाद ब्लाक के मिश्रौलिया गांव में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के छठें दिन शुक्रवार को कृष्णदेव त्रिपाठी के यहां कथाव्यास अजय कृष्ण शास्त्री ने कृष्ण जन्मोत्सव, कृष्ण बाल लीला, गोर्वधन पूजा के प्रसंग सुनाएं। कथावाचक ने श्रीकृष्ण की बाल लीला का सुंदर चित्रण किया। उन्होंने कहा कि भगवान की अद्भुत लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणा दायक हैं। भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं कीं। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। मां उन्हें कहती थी कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो तो वह तुरंत मुंह खोलकर मां को दिखा दिया करते थे कि मैने माखन नहीं खाया। गोवर्धन पूजा में प्रसंग के दौरान कथाव्यास ने यदि भगवान के भक्तों में विकार आ जाता हैं तो वे अपने भक्तों की रक्षा को उसके अहंकार के अंकुर को नष्ट कर देते हैं। इंद्रदेव का उदाहरण दिया और कहा एक बार उन्हें अहंकार हो गया था, तब कृष्ण ने मार्ग दर्शन कर इंद्र की पूजा न कराकर गिरिराज की पूजा कराई थी। वही माखन चोरी के प्रसंग में बताया कि प्रभु माखन इसलिए खाते थे माखन माख और न से बना हैं। इसमें माख का अर्थ क्रोध तथा न का अर्थ नहीं है। अर्थात जो क्रोधादि विकारों से रहित है वह कन्हैया को अत्यंत प्रिय हैं.उन्होंने कहा जब जीव मन वचन काया से स्मरण करता है तो प्रभु कृपा कर देते हैं। प्रभु अपने भक्तों से दूर नहीं रह सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के घर गायों और माखन की कमी नहीं थी। बावजूद इसके गोपियों के अटूट प्रेम के चलते भगवान श्रीकृष्ण माखन चोर कहलाए. कथा के दौरान 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया गया.

कथा के बीच-बीच में संगीतकार पंकज लवानिया, शिवकुमार शर्मा, मदन शर्मा और माधवजी ने कई सुंदर भजन सुनाकर भक्तों को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। इस दौरान मुख्य यजमान कृष्णदेव त्रिपाठी, कमलावती, अशोक कुमार श्रीवास्तव, हीरालाल त्रिपाठी, घनश्याम उपाध्याय, विनायक आनंद, अभिषेक त्रिपाठी, डां. संतोष त्रिपाठी, विवेक सिंह, आदि मौजूद रहे।

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