UPPCL PF Scam: UPPCL प्रबंधन पर उठे अहम सवाल

सवाल-1 - आखिर बिना UPPCL चेयरमैन और एमडी की सहमति के कैसे हुआ DHFL में इतना बड़ा निवेश?
सवाल-2- 17 मार्च 2017 को DHFL में चेयरमैन और एमडी की बिना अनुमति हुए पहले निवेश के बाद किसकी अनुमति से DHFL में दिसंबर 2018 तक निवेश किया जाता रहा?
सवाल-3- DHFL मामले की जुलाई में हुई शिकायत और 29 अगस्त को आई UPPCL की रिपोर्ट में अनियमितता मिलने के बाद भी क्यों नहीं हुई कोई कार्रवाई?
सवाल-4- DHFL मामले में UPPCL की रिपोर्ट में अनियमितता मिलते ही तत्काल क्यों नहीं कराई गई इस मामले की विजिलेंस जांच?
सवाल-5- बीते 4 अक्टूबर को DHFL द्वारा मेल कर मुम्बई हाईकोर्ट से उसके भुगतान पर रोक लगाने की दी गई जानकारी के तुरंत बाद क्यों नहीं हुई जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई?
सवाल-5- DHFL मामले की जानकारी के बाद महाप्रबंधक वित्त पीके गुप्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के बजाय क्यों उनका तबादला कर पीके गुप्ता को बचाने की हुई कोशिश?
सवाल-6- बीते 10 अक्टूबर को महाप्रबंधक वित्त एवं लेखा पीके गुप्ता को निलंबित करने के बाद भी उनके खिलाफ क्यों नहीं दर्ज कराई गई FIR?
सवाल-7- DHFL मामले में महाप्रबंधक वित्त पीके गुप्ता को निलंबित करने के बाद निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी के खिलाफ तब क्यों नहीं दर्ज कराई गई FIR?
सवाल-8- उप्र पॉवर सेक्टर इम्प्लॉईज ट्रस्ट की बीते 3 सालों से क्यों नहीं बुलाई गई बोर्ड बैठक?
सवाल-9- 25 जनवरी 2000 के मुख्यमंत्री के साथ हुए समझौते के अनुसार उप्र पॉवर सेक्टर इम्प्लॉईज ट्रस्ट में क्यों नहीं रखा गया कर्मचारी संगठनों का प्रतिनिधि?
सवाल-10- DHFL में नियमो को ताक में रख PF जमा कराने के जिम्मेदार UPPCL के अन्य आला-अधिकारियों पर कब होगी कार्रवाई?
मौजूदा प्रमुख सचिव ऊर्जा की भूमिका पर उठे सवाल
ऐसे में इन सवालों को लेकर अब कर्मचारी संगठन भी खुलकर ऊर्जा विभाग के मौजूदा प्रमुख सचिव और इस बोर्ड के अध्यक्ष आलोक कुमार की भी भूमिका पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं और साथ ही इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए मौजूदा प्रमुख सचिव ऊर्जा को तत्काल उनके पद से हटाए जाने की भी मांग कर रहे है. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के संयोजक शैलेंद्र दुबे कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उप्र पॉवर सेक्टर इम्प्लॉईज ट्रस्ट में हुए अरबों रुपये के घोटाले की सीबीआई जांच कराने के निर्णय की हम प्रशंसा करते है. लेकिन इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु घोटाले में प्रथम दृष्टया दोषी UPPCL के चेयरमैन और एमडी को तत्काल हटाया जाये और उन पर कठोर कार्रवाई की जाए.