यूपी रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने माना रियल एस्टेट के कारोबार में कैश की कमी

लखनऊ, । देश में रियल स्टेट और उसके भविष्य को लेकर आयोजित रेरा के राष्ट्रीय अधिवेशन में उत्तर प्रदेश रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने बड़ी बात स्वीकार की है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राजीव कुमार ने माना की रियल एस्टेट के कारोबार में कैश की भारी कमी है।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर में सोमवार को रेरा (रीयल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथारिटी) के राष्ट्रीय अधिवेशन सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीप जलाकर का शुभारंभ किया। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी थे। इस दौरान उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्य सचिव आरके तिवारी तथा सचिव आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार दुर्गा शंकर मिश्र भी मौजूद थे।
रेरा उत्तर प्रदेश के चेयरमैन राजीव कुमार ने इस दौरान अधिवेशन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट कारोबार में कैश की कमी है। जिसके कारण अधिकांश प्रोजेक्ट रुके हैं। इस संकट की घड़ी में आपसी सहयोग और भरोसे से ही उद्योग को बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि कठिनाइयां बहुत हैं, लेकिन कोई भी काम असंभव नहीं है।
आपसी सहयोग से ही रोजगार और आर्थिक सुधार को गति दी जा सकती है। देश में करोड़ों लोग रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े हैं और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है। हमारे इस राष्ट्रीय अधिवेशन का यही संदेश है।
यूपी रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश को पहली बार ही इस राष्ट्रीय रेरा कॉनक्लेव के आयोजन का मौका मिला है। देश की जीडीपी में रीयल एस्टेट कारोबार का योगदान 2030 तक एक टिलियन डॉलर का होने की संभावना है। अब तो इस क्षेत्र से जीडीपी में बड़े योगदान के साथ रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा होंगे।
रियल एस्टेट बहुत महत्वपूर्ण विषय : दुर्गाशंकर मिश्र
सचिव आवास शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार, दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा कि रियल एस्टेट बहुत महत्वपूर्ण विषय है। हमारे देश की जीडीपी का आठ फीसद इससे जुड़ा है। चार करोड़ रोजगार हैं। 7 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश होता है। शहरी इलाके में 2030 आबादी 50 करोड़ हो जायेगी। 2050 तक हमारी शहरी आबादी 80 करोड़ हो जाएगी। रेरा से पहले नियंत्रण नहीं था। दो साल पूरे हो रहे हैं। नये भारत का निर्माण इसी पारदर्शिता से होगा। पहले रीयल एस्टेट की छवि अच्छी नहीं थी। 46 हजार कम्पनी रेरा में रजिस्टर्ड है। पूरे 30 हजार केस डिस्पोज हुए उसमें सबसे ज्यादा यूपी में 13 हजार केस हल किये गए हैं। सभी रेरा के अध्यक्ष का आल इंडिया फोरम बना दिया गया है। सभी निर्णय भी एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाये जा रहे हैं। 1.1 करोड़ की डिमांड हुई जिसमें 93 लाख स्वीकार की। 55 लाख बनना शुरू हुए 30 लाख डिलीवर किये जा चुके हैं। यूपी में 14.50 लाख मकान स्वीकर किये हैं।
2022 तक सबको घर देने में रेरा की सबसे ज्यादा भूमिका : शाह
क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेक्से शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश हम गुजरातियों को अपना लेता है। मैं इस धरती को नमन करता हूँ जहां भारत की आत्मा बस्ती है। रेरा एक निर्णायक कदम है। रेरा ने रीयल एस्टेट को नया आयाम दिया है। मैं क्रेडाई के 15 हजार सदस्यों ने रेरा को मन से स्वीकार किया। 2030 तक रीयल एस्टेट का हिस्सा देश मे एक ट्रिलियन यूएस डॉलर होगा। कृषि के बाद देश मे सबसे ज्यादा रोजगार रेरा से ही है। 2022 तक सबको घर देने में रेरा की सबसे ज्यादा भूमिका है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में कंपनी में खींचा जा रहा है। 1151 में कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल में आए जिनमें से 65 फीसद रीयल एस्टेट के हैं। रेरा को सारे अधिकार हैं। कानून में संशोधन की आवश्यकता हैं रेरा में सुने जाने के बाद ही अन्य फोरम में समस्या सुनी जाए। आर्थिक मंदी का भी असर है। रीयल एस्टेट पर संकट है। ये एक पेंचीदा कारोबार है। 100 एनओसी लेनी होती है। कभी कभी गलती होती है। वह अपराध नहीं होती है।
जीवन का महत्वपूर्ण उद्देश्य एक घर बनाना :आरके तिवारी
मुख्य सचिव यूपी आरके तिवारी ने कहा कि प्रदेश के लिए ये सौभाग्य है कि रेरा का पहला कॉन्क्लेव यूपी में हो रहा है। रीयल एस्टेट महत्वपूर्ण विषय है। हमारी भारतीय सोच में जीवन का महत्वपूर्ण उद्देश्य एक घर बनाना भी है। जब घर बनानें में कठिनाई होती है तो वह कष्टकारी होता है। मुझे खुशी है कि विगत ढाई साल में रीयल एस्टेट के लिए बड़े निर्णय लिए हैं। पीएम आवास योजना में यूपी ने सबसे अधिक 25 लाख आवास निर्माण करवाया है। यूपी रेरा भी कई मामलों में नम्बर एक रहा है। रीयल एस्टेट में बिल्डिंग अप्रूवल के लिए समयबद्ध तरीके से अनुमोदन मिलेगा। अगर अनुमोदन नहीं हुआ तो स्वतः अनुमोदन होगा। लैंडपूलिंग 25 या उससे अधिक में कास्तकारों की भूमि चिनिहत की गई। जमीन की कमी पूरी नहीं होने दी जायेगी। ढाई साल में 83 हजार होम बायर्स को उनके फ्लैट उपलब्ध कराए गए हैं। पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार का संकल्प है कि रीयल एस्टेट का विकास तभी सम्भव है जब निर्णय लेने में एक दिन की भी देरी न हो।
रुका निर्माण सबसे बड़ा संकट : प्रवीण जैन
ट्यूलिप ग्रुप के सीएमडी प्रवीण जैन ने कहा कि इस कान्क्लेव हम इंड्रस्ट्री पार्टनर हैं। अगले साल 2040 में 71 लाख करोड़ का कारोबार होगा। कान्क्लेव में काफी चीजे सामने आएंगी। रुका निर्माण सबसे बड़ा संकट है। पुराने प्रोजेक्ट में छह लाख घर फंसे हैं। उन घरों को पूरा करने के लिए रेरा को और मजबूत बनाया जाए। पुराने घरों को तीन साल में पूरा करने जा रहे हैं। नरेडको का यूपी चेप्टर हम शुरू करने जा रहे हैं।
रेरा का प्रभाव और बढ़ेगा : अभय उपाध्याय
चेयरमैन कलेक्टिव पीपल्स फोरम अभय उपाध्याय ने कहा कि इस कॉन्क्लेव में रेरा का प्रभाव और बढ़ेगा। हम होम बायर्स की बात करते हैं। हम अब तक ये बात करते थे कि कितना रजिस्ट्रेशन हुए। मगर अब हम इस पर देखें कि कितने समय मे रेरा प्रोजेक्ट पूरे हुए। कितने लोगों को मकान मिले कितने को रिफण्ड मिले। जब एक प्रोजेक्ट पूरा होता है तब सुविधा कम मिलती है। कार्पेट एरिया कम होता है और शुल्क बढ़ा दिया गया है। इसकी जांच रेरा को करनी होगी। ऐसा करने से होम बायर्स का भरोसा बढ़ेगा। पारदर्शिता बढ़ाई जानी चाहिए। रेरा के केस की लाइव फीड उपलब्ध हो। रिकार्डिंग भी मौजूद रहे। इससे भरोसा बढाना है। आर्डर रिजर्व हो जाता है बहुत समय रखा जाता है। 30 दिन से अधिक आर्डर रिजर्व न रखी जाए। डेली दंड लगाया जाए। जारी लंबित प्रोजेक्ट के लिए एक टाइम फ़्रेम बनाए। ताकि जो लोग फंसे हैं उनको राहत मिल जाए।
रेरा अधिवेश में घर खरीदने वालों की परेशानियां और उनके निदान के साथ बिल्डरों के लिए चुनौतियां और भविष्य में तरक्की के रास्ते विषय पर चर्चा होगी। उत्तर प्रदेश रीयल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथारिटी पूरे दिन इन्हीं विषयों पर देश के प्रख्यात विद्वानों के बीच चर्चाएं कराएगी। घर खरीदने-बेचने की प्रक्रिया से जुड़े देश के करीब 60 विशेषज्ञ चार सत्रों में ये यहां अपनी बातें रखेंगे।
सत्रों के विषय
रीयल एस्टेट क्षेत्र में आगे बढऩे की चुनौतियां 11 से 12 बजे
रीयल एस्टेट की वित्तीय व्यवस्था 12- से एक बजे
रीयल एस्टेट की विधि व्यवस्था दो से तीन बजे।
रेरा और सरकारों के बीच परस्पर सामंजस्य तीन से चार बजे
उपभोक्ताओं के हित में रेरा के आदशों का पालन। चार से पांच
मुख्य वक्ता
आरके तिवारी, मुख्य सचिव, उप्र, दुर्गा शंकर मिश्र, सचिव आवास एवं शहरी विकास मंत्रलय, भारत सरकार, अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव गृह एवं सूचना, ओपी सिंह, डीजीपी यूपी, दीपक कुमार प्रमुख सचिव आवास, जेक्से शाह क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अफजल अमान्नुलाह, अध्यक्ष बिहार रेरा, पंकज गोयल, राष्ट्रीय सचिव क्रेडाई, शोभित मोहन क्रेडाई यूपी प्रेसिडेंट, अनुज पुरी, चेयरमैन एनारॉक ग्रुप, कल्पना मिश्र, सदस्य यूपी रेरा, एसएस मल्लिकाजरुन रॉव, प्रबंध निदेशक और सीईओ पंजाब नेशनल बैंक, राजेंद्र बंदेलकर, चेयरमैन एनएआरईडीसीओ, वेंकट रॉव, विधि परामर्शी यूपी रेरा, वेंकटेश पंचापेशन, असिसटेंट प्रोफेसर आइआइएम बंगलुरु, गिरीश चंद्र चतुर्वेदी चेयरमैन, आइसीआइसीआइ बैंक, पीएच कुरियन चेयरमैन केरल रेरा तथा अमरजीत सिंह, चेयरमैन गुजरात रेरा।