योगी के मंत्री ने दी सलाह- प्रदूषण से निपटने के लिए 'यज्ञ' करवाए सरकार

नोएडा. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ने वायु की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए एक अनोखी तरकीब बताई है. योगी सरकार में मंत्री सुनील भराला ने किसानों का बचाव करते हुए कि वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए पराली जलाने को वजह बताना ठीक नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए हवन कराने की सलाह दी. भराला ने कहा कि सरकार परंपरा के तहत यज्ञ करवाकर भगवान इंद्र देव को मनाए. इंद्र भगवान बरसात कराएंगे और सबकुछ ठीक कर देंगे.'
पराली जलाने से नहीं होता प्रदूषण
भराला ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'पराली-पराली करके किसानों पर हमला बोला जा रहा है. पराली जलाने की प्रक्रिया हमेशा से चली आ रही है. पराली जब जलता है तो हल्की धुंआ निकलती ही है, उससे ज्यादा प्रदूषण नहीं होता है. किसानों पर हमला दुखद है. मैं इतना कहना चाहता हूं कि जो हमारी परंपरा थी गांवों में यज्ञ करने की, सरकार भी परंपरा के तहत यज्ञ कराए और भगवान इंद्र देव को मनाए, वे बरसात कराएंगे औरसब कुछ ठीक कर देंगे.'
#WATCH Uttar Pradesh minister Sunil Bharala: Farmers have always practiced stubble burning, it's a natural system. Repeated criticism of it is unfortunate. Govts should hold 'Yagya' to please Lord Indra (God of rain), as done traditionally. He (Lord Indra) will set things right. pic.twitter.com/EcImGAbVrl
— ANI UP (@ANINewsUP) November 3, 2019
इस बीच बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से गोतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के डीएम ने जिले के सभी सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों को 5 नवंबर तक बंद करने का आदेश दिया है. वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली से विमान की आवाजाही पर भी असर पड़ा है. वहीं नोएडा, गाजियाबाद और उसके आसपास के इलाकों में AQI रविवार दोपहर 1600 के पास पहुंच गया.
हवा में घुले जहर के कारण कई बीमारियां दस्तक दे रही हैं. लोगों को हृदय से जुड़ी बीमारियां, अस्थमा के लक्षण, सांस लेने में दिक्क्त, फेफड़ों में इंफेक्शन बढ़ने लगे हैं. दिवाली के बाद प्रदूषण में बढ़ोतरी होने से अस्पतालों में सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या 20-25 फीसदी तक बढ़ गई है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे रोगियों को प्रदूषण बढ़ने से सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा अटैक के लक्षण बढ़ जाते हैं.