बिलारी विवादित पुरानी तहसील भवन पर जेसीबी मशीन से कब्जा करने आए लोगों को प्रशासन ने रोका

मुरादाबाद बिलारी। पुरानी तहसील भवन पर कब्जे का प्रयास तहसील प्रशासन ने एक बार फिर विफल कर दिया।भवन के खंडहर की दीवारों को एक पक्ष की लोगों ने शनिवार दोपहर 12 बजे करीब जेसीबी से ढाना शुरू कर दिया। मामला तहसीलदार के संज्ञान में लाया गया। उन्होंने तत्काल लेखपाल नगर को मौके पर भेजकर जेसीबी को शांत कराया। बताया जाता है कि कब्जा करने वाले पक्ष का दावा है कि तहसील भवन की आराजी उनकी है। वह मुरादाबाद न्यायालय से मुकदमा जीत चुके हैं। तहसील सूत्रों के अनुसार उपरोक्त मुकदमा अभी एडीजे 11 के न्यायालय में विचाराधीन है।उसमें 14 नवंबर 19 की तारीख लगी है। बताया जाता है कि यह मामला राजघराने की श्रीमती इंदिरा मोहिनी द्वारा दायर किया गया था। उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी श्रीमती रीना कुमारी को उनके उत्तराधिकारी के रूप में वादी बनाया गया।इस पक्ष द्वारा कई बार तहसील भवन पर कब्जा करने का प्रयास किया जा चुका है। तहसील प्रशासन की सक्रियता के चलते अभी तक वह सफल नहीं हुए हैं। यह आराजी तहसील अभिलेखों में गाटा संख्या 720/1321 0.90 एकड़ क्षेत्र की तहसील भवन के नाम से अंकित बताई गई है। दोपहर में अचानक जेसीबी तहसील परिसर में आने से वहां भीड़ एकत्र हो गई। सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता गण भी पहुंच गए। इन लोगों ने पता किया कि जेसीबी किस लिए आई है? बताया गया कि तहसील परिसर की गंदगी को साफ किया जाएगा। इससे पहले दो बार तहसील परिसर की सफाई नगर पालिका परिषद द्वारा जेसीबी मशीन से कराई जा चुकी है। लेकिन कुछ पल बाद ही तहसील परिसर के खंडहर में खड़ी बिना छत की दीवारों को ढाकर मलबे का ढेर लगाना शुरू कर दिया। इस पर मोहम्मद आसिफ कमल मोहम्मद नजर मोहम्मद रईस गज राम सिंह आदि अधिवक्तागण ने तहसीलदार प्रभा सिंह को अवगत कराया। इन अधिवक्ताओं के तहसील परिसर में करीब 20 वर्षों से चेंबर स्थित है। तहसीलदार महोदया प्रभा सिंह ने सरकारी आराजी पर कब्जा किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया तथा तत्काल लेखपाल उदय भान सिंह चौहान को मौके पर भेजा। उन्होंने जेसीबी को शांत कराया। कब्जा करने वाले पक्ष से अपने कागज पेश करने को कहा है। बताया जाता है कि तहसील प्रशासन ने दौराने मुकदमा कब्जे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। उपजिलाधिकारी आज अवकाश पर बताए गए हैं। मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आ जाना बताया जा रहा है। प्रशासन को खुली चुनौती देने का मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। तहसील भवन की आराजी की कीमत 8 करोड़ रुपए से अधिक की बताई जा रही है।
रिपोर्ट वारिस पाशा जनता की आवाज से बिलारी मुरादाबाद