Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

जवाहर यादव हत्याकांड में 23 साल बाद आया फैसला, करवरिया बंधुओं समेत 4 दोषी करार

जवाहर यादव हत्याकांड में 23 साल बाद आया फैसला, करवरिया बंधुओं समेत 4 दोषी करार
X

प्रयागराज. बहुचर्चित सपा विधायक जवाहर यादव पंडित हत्याकांड मामले में ट्रायल कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने मामले में करवरिया बंधुओं सहित एक अन्य को हत्या का दोषी करार दिया है. हत्याकांड में पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, भाई पूर्व विधायक उदय भान करवरिया, भाई पूर्व एमएलसी सूरज भान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी दोषी करार दिए गए हैं. अब 4 नवंबर को ट्रायल कोर्ट दोषियों को सजा सुनाएगी. बता दें जवाहर पंडित की 13 अगस्त 1996 की शाम 7 बजे गोलियों से भूनकर हत्या हुई थी. सिविल लाइंस में पैलेस सिनेमा और काफी हाउस के बीच एके-47 राइफल से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था.

18 अक्टूबर को किया गया था फैसला सुरक्षित

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 18 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए थे. वहीं करवरिया बंधुओं को निर्दोष साबित करने के लिए बचाव पक्ष की ओर से 156 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया था.

बता दें मामले में सभी पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के बाद ट्रायल कोर्ट (Trial court) ने 18 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था. एडीजे कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 31 अक्टूबर की तारीख तय की थी.

हत्‍याकांड में ये थे आरोपी

जवाहर पंडित हत्‍याकांड में पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, उनके भाई पूर्व विधायक उदय भान करवरिया, पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया और राम चंद्र त्रिपाठी आरोपी हैं. झूंसी विधानसभा से सपा विधायक जवाहर यादव पंडित की हत्या 23 साल पहले 13 अगस्त 1996 को सिविल लाइन्स में पैलेस सिनेमा और कॉफी हाउस के बीच एके 47 रायफल से गोलियां बरसाकर की गई थी. सपा विधायक जवाहर पंडित के साथ ही उनके ड्राइवर गुलाब यादव और एक राहगीर कमल कुमार दीक्षित की भी गोली लगने से मौत हो गई थी. जबकि विधायक पर हुए हमले में पंकज कुमार श्रीवास्तव और कल्लन यादव घायल हो गए थे.

बता दें हत्याकांड में विधायक की पत्नी की ओर से सिविल लाइंस थाने में करवरिया बंधुओं के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था. सिविल लाइन्स थाने के बाद मुकदमे की विवेचना सीबीसीआईडी ने भी की और आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था. मुकदमे के दौरान कुछ साल तक हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के चलते मुकदमे की सुनवाई भी नहीं हो सकी थी.

योगी सरकार ने करवारिया बंधुओं से लिया था मुकदमा वापस

इस बीच प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद सरकार ने करवरिया बंधुओं से मुकदमा वापस ले लिया था, जिसका विरोध पूर्व विधायक विजमा यादव ने किया और अदालत में कानूनी लड़ाई भी लड़ी. इसके बाद कोर्ट ने सरकार के फैसले को यह कहते हुए वापस लौटा दिया था कि ट्रायल कोर्ट में चल रहे मुकदमे की सुनवाई फैसले के करीब है. मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अभियोजन की तरफ से जहां 18 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए थे, वहीं करवरिया बंधुओं को निर्दोष साबित करने के लिए बचाव पक्ष की ओर से 156 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया है.

Next Story
Share it