शिवसेना ने कहा- महाराष्ट्र में किसी दुष्यंत के पिता जेल में नहीं हैं

महाराष्ट्र में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने बेशक साथ मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव के बाद उसने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। वह राज्य में सत्ता के आधे बंटवारे के साथ ही ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है। जिसे लेकर उसके और भाजपा के बीच खींचतान जारी है। सोमवार को दोनों पार्टियों के नेताओं ने राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात की। अब शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र में किसी दुष्यंत के पिता जेल में नहीं हैं।
संजय राउत से जब पूछा गया कि भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बावजूद सरकार बनाने में देरी क्यों हो रही है तो उन्होंने कहा, 'यहां कोई दुष्यंत नहीं है जिसके पिता जेल में हों। हम धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं। शरद पवार जी ने भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया। वह कभी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।'
S Raut on being asked 'why it's taking time to form govt despite pre-poll alliance with BJP': There is no Dushyant here whose father is in jail. Here it's us who do politics of 'dharma & satya',Sharad ji who created an environment against BJP &Congress who will never go with BJP. https://t.co/aHADYgz6wH
— ANI (@ANI) October 29, 2019
इससे पहले सोमवार को शिवसेना ने कहा कि राजनीति में कोई भी साधु-संत नहीं होता है। इस बयान से उसने संकेत दिया है कि यदि भाजपा उसकी मांगों को नहीं मानती है तो वह कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का समर्थन लेकर सरकार बना सकती है। शिवसेना के नेता संजय राउत ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया लेकिन कहा कि शिवसेना गठबंधन की पवित्रता में विश्वास करती है।
संजय राउत ने कहा, 'उद्धव ठाकरे (शिवसेना अध्यक्ष) ने साफतौर पर कहा है कि हम भाजपा का इंतजार करेंगे। लेकिन हमें अन्य विकल्प पर विचार करने से न रोकें। हम इस पाप को नहीं करना चाहते।' कांग्रेस-एनसीपी से शिवसेना के समर्थन लेने की संभावनाओं पर राउत ने कहा, 'हम कांग्रेस-एनसीपी का समर्थन लेने की आशंका से मना नहीं कर सकते। राजनीति में कोई भी साधु-संत नहीं होता है। हालांकि शिवसेना अब भी अपने सिद्धांतों में विश्वास करती है।'
शिवसेना ने महाराष्ट्र में 50-50 फॉर्मूले से कम पर मानने से इनकार कर दिया है। वहीं भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने की बात को स्वीकार नहीं करेगी। शिवसेना के बहुत से विधायक चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे का बेटा और वर्ली विधानसभा से विधायक आदित्य ठाकरे को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाए। 29 साल के आदित्य ठाकरे परिवार में चुनाव लड़ने और जीतने वाले पहले सदस्य हैं।
शिवसेना नेता ने कहा कि पार्टी उप मुख्यमंत्री पद पर नहीं मानेगी। उन्होंने कहा, 'यदि भाजपा नहीं मानती है तो हमारे पास समय है। उनके पास बहुमत नहीं है और वह सबसे बड़ी पार्टी है। यदि वह सेना के बिना चल सकते हैं तो मैं उनका स्वागत करता हूं और उन्हें बधाई देता हूं।' चुनाव परिणाम में भाजपा को उतनी सीटों पर बहुमत नहीं मिला जितनी की उसे उम्मीद थी। इसी कारण उसे सरकार बनाने के लिए शिवसेना की जरुरत है।
30 अक्तूबर को उद्धव ठाकरे से मिल सकते हैं अमित शाह
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 30 अक्टूबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिल सकते हैं। शाह मुंबई में विधानसभा पार्टी के नेता का चुनाव करने के लिए भाजपा के नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक में हिस्सा लेंगे। अगर शाह और ठाकरे की मुलाकात होती है तो, इसके काफी राजनीतिक मायने हैं।
भाजपा विधान पार्षद गिरिश व्यास ने बताया कि भाजपा के विधायक दल की बैठक 30 अक्तूबर को मुंबई में होगी। इसमें पार्टी के सभी विधायक, प्रदेश के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नेता (महाराष्ट्र भाजपा प्रभारी) सरोज पांडे भी मौजूद रहेंगे।'