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उत्तर प्रदेश

प्रसपा ने लोहिया दिवस मनाया, संगोष्ठी का आयोजन

प्रसपा ने लोहिया दिवस मनाया, संगोष्ठी का आयोजन
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अन्याय के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे - शिवपाल

लोहिया के भाषणों की सीडी की विमोचन

लखनऊ- 12 अक्टूबर, 2019

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने महान स्वतंत्रता सेनानी व कालजयी क्रांतिधर्मी दार्शनिक राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में 'गाँधी-लोहिया व समाजवाद' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता लोहिया के शिष्य वरिष्ठ समाजवादी नेता बाबू भगवती सिंह ने की।

इस अवसर पर बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मिश्र द्वारा संकलित व संपादित डा0 लोहिया के ऐतिहासिक भाषणों की सी0डी0 का विमोचन करते हुए प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि राममनोहर लोहिया जैसे किरदार सदियों में पैदा होते हैं। लोहिया ने अन्याय व अत्याचार का बिना हथियार उठाये विरोध करना सिखाया। लोहिया ने महात्मा गांधी के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया। लोहिया के विचारों से प्रेरणा लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी शीघ्र ही सड़कों पर उतरेगी। लोहिया जितने प्रतिबद्ध समाजवादी थे, उतने ही प्रखर राष्ट्रवादी थे। उन्होंने रामायण मेला लगवाया। ''राम, कृष्ण, शिव'' ''भारत माता-धरती माता'' जैसी पुस्तकें लिखी। उन्होंने साम्प्रदायिकता के विरुद्ध बिगुल बजाया था। वे आजादी की लड़ाई के दौरान जितनी बार जेल गए, उससे अधिक बार आजाद भारत में आम जनता के हितों की लड़ाई लड़ते हुए कारावास की यातना झेली। लोहिया अमरीका में वर्णभेद के विरुद्ध सत्याग्रह कर गिरफ्तारी दी थी। उनकी मेधा व ज्ञान के प्रशंसकों में अल्बर्ट आइंस्टीन, प्रो0 शुमाकर जैसे नाम अग्रगण्य हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने एक बार कहा था कि 'समग्र क्रांति दरअसल लोहिया की सप्त-क्रांति ही है।'

प्रधानमंत्री व भाजपा अध्यक्ष लोहिया को बार-बार उद्धृत तो करते हैं किन्तु लोहिया की सोच के अनुरूप नीति व कार्यक्रम नहीं बनाते। लोहिया के बताए रास्ते से भटकने का परिणाम है कि देश 543.18 अरब डालर के कर्ज में है। इसी वर्ष विदेशी कर्ज में 13.7 अरब डालर की बढ़ोत्तरी बता रही है कि अर्थव्यवस्था पटरी से कभी भी उतर सकती है। श्री यादव ने कानून व्यवस्था के सवाल पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा राज में जनमानस में असंतोष बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी चीन द्वारा कब्जाई गई जमीन वापस लेने की बात क्यों नहीं कर रहे। देशी पूँजी, देशी तकनीकी और देशी भाषा में ही समावेशी व सतत विकास सम्भव है।

संगोष्ठी को पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला, पूर्व मंत्री शादाब फातिमा, प्रदेश अध्यक्ष सुंदर लाल लोधी, वरिष्ठ समाजवादी नेता परमानंद तिवारी, महिला सभा अध्यक्ष अर्चना राठौर, उपासना वैश्य समेत कई वक्ताओं ने अपने विचार रखें।

संगोष्ठी के उपरान्त लोहिया ट्रस्ट जाकर शिवपाल सिंह लोहिया की प्रतिमा को माल्यार्पित कर नमन किया।

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