शर्मनाक: तीन सरकारी अस्पतालों में प्रसव करने से इंकार, एंबुलेंस में महिला ने दिया बच्चे को जन्म

फिरोजाबाद जिले में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से रातभर तड़पती रही। जनपद के तीन सरकारी अस्पतालों में गंभीर मामला बताकर उसका प्रसव नहीं किया गया।
आरोप है कि चिकित्सक व स्टाफ बिना जांच किए उसे दूसरे अस्पताल के लिए रेफर करते रहे। शुक्रवार सुबह आगरा ले जाते वक्त महिला ने एंबुलेंस में ही सामान्य प्रसव से बच्चे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
जसराना के समीप नगला हिंदु निवासी सर्वेश की पत्नी सीमा को गुरुवार रात प्रसव पीड़ा हुई। उसे स्वास्थ्य केंद्र अरांव लाया गया। यहां भर्ती करने के एक घंटे बाद चिकित्सक ने गंभीर मामला बताकर शिकोहाबाद संयुक्त अस्पताल रेफर कर दिया।
दूसरे अस्पताल भेजते रहे चिकित्सक
परिजन रात करीब एक बजे उसे शिकोहाबाद स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। यहां भी बिना जांच किए मौजूद स्टाफ ने गर्भवती को सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए भेज दिया। मेडिकल कॉलेज में महिला की गंभीर हालत बताई और आगरा रेफर कर दिया गया।
परिजन सीमा को शुक्रवार सुबह 102 एबुंलेंस से आगरा लेकर जा रहे थे। उसायनी के समीप एबुंलेस में ही ईएमटी मनीष कुमार ने उसका सामान्य प्रसव कराया। सामान्य प्रसव के होने के बाद महिला को आगरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीमा रातभर प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। मगर जनपद के सरकारी अस्पतालों में उसकी जान से खेलते रहे। सरकारी अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज में प्रसूताओं की जान से खिलवाड़ करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
सीएमओ बोले- जांच कराएंगे
इस संबंध में सीएमओ डॉ एसके दीक्षित ने कहा कि गंभीर मामला था, तो अरांव स्वास्थ्य केंद्र पर मान सकते हैं कि वहां से रेफर कर दिया गया होगा। लेकिन संयुक्त अस्पताल शिकोहाबाद में महिला रोग विशेषज्ञ हैं। मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं।
इसके बाद भी गर्भवती महिला को आगरा रेफर कर दिया। महिला ने सामान्य प्रसव से एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया है। महिला के इलाज में लापरवाही बरती है। हम इसकी जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई करेंगे।