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उत्तर प्रदेश

पुष्पेंद्र का अंतिम संस्कार कर सरकार ने न्याय की चिता जलाई: अखिलेश

पुष्पेंद्र का अंतिम संस्कार कर सरकार ने न्याय की चिता जलाई: अखिलेश
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लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को झांसी के लिए रवाना हो गए. अखिलेश यादव झांसी में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेंद्र यादव के परिजनों से मुलाकात करेंगे. उनके झांसी में रात्रि प्रवास का भी प्लान है. इससे पहले पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामले में अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में सत्ता का दंभ अब सिर चढ़कर बोल रहा है. वह जनता की आवाज को बूटों तले रौंदते हुए मनमानी पर उतर आयी है. लोकतंत्र में संविधान और नैतिक मूल्यों को दरकिनार करते हुए भाजपा की प्रदेश सरकार को भ्रम है कि उसके अवांछित आचरण की जनता उपेक्षा कर देगी या मौन रहकर सह लेगी लेकिन अत्याचारी जान लें इंसाफ की सुबह होकर रहेगी.

अखिलेश यादव ने कहा कि विजयदशमी की सुबह से पहले रात के अंधेरे में झांसी में सत्ता की ताकत झोंककर पुष्पेंद्र यादव यादव का अंतिम संस्कार कर सरकार ने न्याय की चिता जलाई है. परिवारीजन और स्थानीय जनता मांग कर रही थी कि फर्जी एनकाउंटर करने वाले दारोगा धर्मेन्द्र सिंह के खिलाफ भी धारा 302 में रिपोर्ट लिखी जाए, तभी पुष्पेंद्र के शव को लिया जाएगा. पुष्पेंद्र को 5 अक्टूबर को एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराने का दावा किया था.

'न्याय की बजाए शोकाकुल परिवार पर दर्ज हो रहे झूठे मुकदमे'

सपा प्रमुख ने कहा कि पुलिस का बेहद निंदनीय रवैया यह रहा है कि पुष्पेंद्र यादव को न्याय देने के बजाय उलटा उनके शोकाकुल परिजनों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. पुलिस दरअसल अपने किए पाप पर पर्दा डालने के लिए जनता की आवाज को कुचलने पर तुली है. पुलिस का यह रवैया झांसी के मामले में ही नहीं बदायूं में हिरासत में दम तोड़ने वाले बृजपाल के साथ भी नजर आया, जब उसका अंतिम संस्कार जबरन पुलिस ने करा दिया.

'सरकार फर्जी एनकाउंटर का भंडाफोड़ होने की आशंका में सकते में'

भाजपा सरकार के मंत्री बिना जांच हुए ही पुलिस की कहानी दुहराने लगे हैं. स्पष्ट है कि पूरी भाजपा सरकार फर्जी एनकाउंटर का भंडाफोड़ होने की आशंका से सकते में है. वह भय, दहशत और आतंक के बल पर अपनी बात मनवाना चाहती है. अखिलेश ने कहा है कि समाजवादी पार्टी अन्याय के खिलाफ हमेशा संघर्ष करती रही है. उसकी मांग है कि पुष्पेंद्र यादव के मामले सहित पूर्व में हुए सभी फर्जी एनकाउंटर की जांच हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश से कराई जाए. इससे सच्चाई सबके सामने आ सकेगी.

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