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वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर कानून मंत्रालय कर रहा विचार

वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर कानून मंत्रालय कर रहा विचार
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नई दिल्ली. कानून मंत्रालय (Law Ministry) मतदाता सूची (Voter's List) में मौजूदा मतदाताओं और नए आवेदकों की प्रविष्टियों की जांच के लिए आधार संख्या लेने को कानूनी समर्थन देने पर विचार कर रहा है. इस बारे में चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक प्रस्ताव तैयार किया है ताकि मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति का नाम कई स्थानों पर नहीं रह सके.

अगस्त 2015 में आधार कार्ड (Aadhar Card) के संबंध में दिए अपने आदेश में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मतदाता सूची को आधार (UIDAI) संख्या से जोड़ने की चुनाव आयोग की योजना को रोक दिया था. चुनाव आयोग उस समय राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण और प्रमाणीकरण कार्यक्रम (NERPAP) के तहत आधार संख्या ले रहा था.

जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों में संशोधन का दिया प्रस्ताव

आयोग ने कानून मंत्रालय (Law Ministry) को लिखे एक पत्र में प्रस्ताव दिया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों में संशोधन किया जाए ताकि चुनाव आयोग (Election Commission) मतदाता बनने के लिए आवेदन करने वालों और जो पहले से सूची में हैं, उनसे आधार संख्या ले सके.

सूत्रों ने बताया कि कानून मंत्रालय (Law Ministry) निर्वाचन कानून में संशोधन पर विचार कर रहा है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "कार्रवाई की जा रही है."

चुनाव आयोग द्वारा अगस्त में भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि निर्वाचन कानूनों को संशोधित किया जाना चाहिए ताकि चुनाव पंजीकरण अधिकारी मौजूदा मतदाताओं (Voters) के साथ ही नए आवेदन करने वालों से उनकी आधार संख्या मांग सकें.

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