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उत्तर प्रदेश

मूर्छित लक्ष्मण को ठीक करने के लिए हनुमान जी उठा लाए पर्वत

मूर्छित लक्ष्मण को ठीक करने के लिए हनुमान जी उठा लाए पर्वत
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बिलारी। नगर की रामलीला में रावण और अंगद का संवाद हुआ।इसके अलावा मेघनाथ के शक्ति तीर लगने के बाद लक्ष्मण मूर्छित हो गए। भगवान हनुमान सुषेन वैद्य को लेकर आए और उन्हीं के कहने पर संजीवनी बूटी लाने के लिए पर्वत को ही उखाड़ लाएं।

रामलीला में भगवान राम ने अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजा।इस बीच अहंकारी रावण कुछ सुनने को तैयार ना हुआ। अंगद ने अपना पैर जमीन पर जमा दिया। बड़े-बड़े रावण के योद्धा पहुंचे। लेकिन अंगद का पैर नहीं उखाड़ पाए। इसके अंगद ने रावण की हठधर्मिता के बारे में बताया। तब लक्ष्मण युद्ध करने के लिए पहुंचे। मेघनाद से उनका युद्ध हुआ। मेघनाद ने शक्ति बाण लगने के कारण लक्ष्मण मूर्छित हो गए। लक्ष्मण के मूर्छित होने के बाद भगवान हनुमान सुषेन वैद्य को लेकर आए। सुषेध वैद्य ने पहाड़ से संजीवनी बूटी मंगाई। मगर हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेने पहुंचे तो उन्हें बूटी की पहचान ही नहीं हुई। लिहाजा वह पूरा पहाड़ ही उखाड़ कर ले गए ।

तब सुषेन वैद्य ने संजीवनी बूटी के जरिए लक्ष्मण की मूर्छा ठीक की।रामलीला में कुंभकरण वध का भी मंचन हुआ। इस दौरान भारी तादाद में लोगों की भीड़ रामलीला देखने के लिए उमड़ी। मुख्य रूप से पंकज चौहान, दुष्यंत चौहान ,रामनिवास शर्मा, दिनेश शर्मा, देवेश शर्मा, अमित गुप्ता, पंडित दिनेश चंद्र पाराशरी आदि सहित अनेकों ने रामलीला में सहयोग दिया।

रिपोर्ट वारिस पाशा जनता की आवाज से बिलारी मुरादाबाद

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