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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी विजयदशमी को दंडाधिकारी की भूमिका में नजर आएंगे, साधु-संतों की करेंगे सुनवाई

सीएम योगी विजयदशमी को दंडाधिकारी की भूमिका में नजर आएंगे, साधु-संतों की करेंगे सुनवाई
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गोरखपुर, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विजयदशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में न्यायिक दंडाधिकारी की भूमिका में नजर आएंगे। विजयदशमी की देर रात होने वाली पात्र पूजा में नाथ पंथ के संतों के लिए अदालत लगेगी। अदालत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर संतों की समस्याओं को सुलझाएंगे। पारंपरिक पात्र पूजा नाथ पंथ में अनुशासन बनाने रखने के लिए की जाती है।

पात्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित होंगे योगी

मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी के मुताबिक मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी आदित्यनाथ अपने इस पारंपरिक उत्तरदायित्व का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करते हैं। परंपरा के अनुसार गोरक्षपीठाधीश्वर पात्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित किए जाते हैं। नाथ संप्रदाय के सभी साधु-संत और पुजारी पहले पात्र देवता की पूजा करते हैं और दक्षिणा अर्पित करते हैं। करीब ढाई घंटे चलने वाली इस पात्र पूजा में पात्र देवता दक्षिणा स्वीकार तो करते हैं लेकिन अगले ही दिन वह दक्षिणा साधुओं को प्रसाद स्वरूप लौटा दी जाती है।

दंड देने और माफ करने का अध्‍ािकार

इस दौरान सभी संत अपनी शिकायतें पात्र देवता के समक्ष रखते हैं और पात्र देवता के रूप में स्थापित गोरक्षपीठाधीश्वर उसकी सुनवाई करते हैं। इस सुनवाई के दौरान यदि कोई साधु-संत नाथ परंपरा की विरुद्ध किसी गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है तो पात्र देवता उसके खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लेते हैं। पात्र देवता को सजा और माफी दोनों का अधिकार होता है।

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