खनन घोटाला : निजी कंपनियों से जुड़े काली कमाई के तार, सीबीआइ ने शुरू की दस्तावेजों की जांच

लखनऊ, । सपा शासनकाल में हुए करोड़ों के खनन घोटाले के मामले में काली कमाई के तार कई निजी कंपनियों से जुड़े हैं। सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ और ईडी कुछ निजी कंपनियों के बारे में भी सिलसिलेवार जांच कर रहे हैं।
सीबीआइ ने सहारनपुर में हुए खनन घोटाले के मामले में आइएएस अधिकारी अजय कुमार सिंह व पवन कुमार समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद 01 अक्टूबर (मंगलवार) को ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। सहारनपुर के मीरजापुर गांव के निवासी पूर्व एमएलसी हाजी मुहम्मद इकबाल के बेटे मुहम्मद वाजिद भी नामजद आरोपित हैं। सीबीआइ ने सहारनपुर स्थित उनके ठिकानों में छानबीन के दौरान कई दस्तावेज कब्जे में लिए थे।
सीबीआइ मंगलवार को हुई छापेमारी के दौरान विभिन्न स्थानों से मिले दस्तावेजों की पड़ताल भी कर रही है। बताया गया कि सीबीआइ सहारनपुर के उन 13 खनन पट्टों की छानबीन कर रही है, जिनका नवीनीकरण बिना ई-टेंडर प्रकिया को अपनाए किया गया था। सीबीआइ सहारनपुर के कई अन्य तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। माना जा रहा है कि इस मामले में जल्द ईडी भी अपना शिकंजा कस सकता है।
इससे पूर्व ईडी ने सीबीआइ की एफआइआर को आधार बनाकर खनन घोटाले में पांच केस दर्ज किए हैं। घोटाले में अब तक तत्कालीन डीएम हमीरपुर बी.चंद्रकला, तत्कालीन डीएम फतेहपुर अभय सिंह, तत्कालीन डीएम देवरिया विवेक समेत आठ आइएएस अधिकारियों के नाम सामने आ चुके हैं। सीबीआइ करीब दो साल से अलग-अलग जिलों में हुए खनन घोटाले की छानबीन कर रही है। सपा सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति भी नामजद आरोपित हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ सहारनपुर खनन घोटाले में जांच कर रही है। बताया गया कि वर्ष 2005 से 2015 के बीच सहारनपुर में खनन के 13 पट्टे नियमों को दरकिनार कर आवंटित किए थे। ई-टेंडर प्रकिया को दरकिनार कर पट्टों के आवंटन में बड़ा खेल हुआ था। सहारनपुर के तत्कालीन दोनों डीएम पर ठेकेदारों से मिलीभगत के आरोप हैं। सीबीआइ घोटाले में हमीरपुर, देवरिया समेत अन्य जिलों में भी केस दर्ज कर जांच कर रही है। सीबीआइ मंगलवार को आरोपितों के ठिकानों से मिले दस्तावेजों के आधार पर छानबीन कर रही है।