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उत्तर प्रदेश

गर्भवती महिला को डॉक्टरों ने डांट कर अस्पताल से भगाया, सीढ़ियों पर दिया बच्चे को जन्म

गर्भवती महिला को डॉक्टरों ने डांट कर अस्पताल से भगाया, सीढ़ियों पर दिया बच्चे को जन्म
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गोंडा. सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के साथ डॉक्टर और नर्स कैसा व्यवहार करते हैं, इसका नजारा उत्तर प्रदेश के गोंडा के जिला अस्पताल में देखने को मिला. यहां बुधवार देर रात डिलीवरी के लिए पहुंची एक प्रसूता (गर्भवती) को अस्पताल के डॉक्टरों और नर्स ने दुत्कार कर भगा दिया. अस्पताल की सीढ़ियों पर पीड़िता प्रसव पीड़ा से कराहती रही, लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए सामने नहीं आया. गुरुवार को दर्द से कराहती गर्भवती महिला ने अस्पताल की सीढ़ियों पर ही एक बच्चे को जन्म दिया.

परिजन का आरोप, डॉक्टरों ने मांगे पैसे

वहीं महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन (Hospital Administration) पर भर्ती करने और डिलीवरी कराने के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया है. जिले के खिरिया गांव की रहने वाली सोनी को उसके परिजनों ने बुधवार को प्रसव पीड़ा के चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वजीरगंज मे भर्ती कराया था. देर रात सोनी की हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे जिला महिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. परिजन सोनी को लेकर रात के लगभग डेढ़ बजे महिला अस्पताल पहुंचे और अस्पताल मे ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और नर्स से सोनी को भर्ती करने की गुज़ारिश की. लेकिन डॉक्टर और नर्स ने बेड खाली न होने का हवाला देकर उसे अस्पताल में एडमिट करने से मना कर दिया.

पूरी रात सीढ़ियों पर बैठी रही प्रसूता

परिजनों ने जब सोनी की बिगड़ती हालत की दुहाई दी तो डॉक्टरों और नर्स ने उन्हें दुत्कार कर भगा दिया. परेशान परिजन गर्भवती सोनी को लेकर अस्पताल की सीढ़ियों पर पूरी रात बैठे रहे. इस दौरान सोनी प्रसव पीड़ा से कराहती रही, लेकिन अस्पताल के डॉक्टर नहीं पसीजे. गुरुवार को तड़के सोनी ने अस्पताल की सीढ़ियों पर लेटे-लेटे ही एक बच्चे को जन्म दिया. सीढ़ियों पर प्रसव होने की जानकारी मिलने पर अस्पतालकर्मियों की नींद टूटी जिसके बाद आनन-फानन में उसे ले जाकर वार्ड मे भर्ती कराया गया.

सीएमएस ने कर्मचारियों का किया बचाव

इस संबंध में अस्पताल के सीएमएस एके मिश्रा से पूछा गया तो वो अस्पताल के कर्मचारियों का बचाव करते नजर आये. सीएमएस ने बताया कि महिला के पेट मे बच्चा टेढ़ा था और उसके पास कोई जांच रिपोर्ट नहीं थी इसलिए उसे पूर्व प्रसव कक्ष में बैठाया गया था. तड़के जब वो शौच के लिए अस्पताल की दूसरी मंजिल पर चली गई थी. वहां से लौटते समय सीढ़ियों पर ही उसकी डिलीवरी हो गई. इसकी जानकारी होने पर उसे फौरन वार्ड में ले जाकर भर्ती किया गया.

अपनी कही बात पर ही घिर गये सीएमएस

प्रसव कक्ष में शौचालय होने के बावजूद गर्भवती महिला अस्पताल की दूसरी मंजिल पर क्यों गई? इस सवाल पर सीएमएस ने कहा कि गांव की महिला होने के कारण उसे शौचालय (Toilet) के प्रयोग की जानकारी नहीं थी इसलिए वो अस्पताल की दूसरी मंजिल पर चली गई थी. हालांकि रुपये मांगने की शिकायत पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी.

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