शिवपाल बोले- मेरे मन में अभी भी पूरी गुंजाइश बची है,नेताजी हम और अखिलेश बैठ जाएं, तीसरे किसी की जरूरत नहीं होगी

मैनपुरी. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का दर्द एक बार फिर छलक आया. सोमवार को एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मैनपुरी पहुंचे शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर कहा कि हमने उन्हें नेता माना, सीएम माना लेकिन कुछ षड्यंत्रकारी (साजिशकर्ता) सफल हो गए, जिसका खामियाजा समाजवादी पार्टी का उठाना पड़ा. शिवपाल यादव ने कहा कि उनके मन में अभी भी पूरी गुंजाइश बची है.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव आगे कहते हैं कि नेताजी के साथ बैठ जाएं तो तीसरे किसी की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने सपा के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी कोई हैसियत नहीं है और वह बीमार हैं.
अखिलेश ने कहा था- शिवपाल का घर में स्वागत
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यादव परिवार और समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच सुलह की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं, लेकिन उसके बाद पहली बार यह संकेत मिले थे कि दोनों के बीच करीब तीन साल से चली आ रही तनातनी सुलझ सकती है.
इसकी शुरुआत प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने ही की थी. कुछ दिनों पहले उन्होंने मैनपुरी में कहा था कि उनकी तरफ से सुलह की पूरी गुंजाइश है. इसके बाद अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शिवपाल का घर में स्वागत है. अगर वे आते हैं तो उन्हें पार्टी में आंख बंद कर शामिल करूंगा.
2016 में शुरू हुई थी तनातनी
बता दें, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले वर्ष 2016 में यादव परिवार में 'महाभारत' की शुरुआत हुई थी. बात इतनी बढ़ गई थी की अखिलेश ने समाजवादी पार्टी पर एकाधिकार कर लिया है. उसके बाद चुनाव में समाजवादी पार्टी की हार के बाद शिवपाल ने बयानबाजी शुरू कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने समाजवादी मोर्चे का गठन किया और फिर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना ली. इस बीच अखिलेश और शिवपाल के बीच सुलह की कई कोशिशें हुईं, लेकिन सभी नाकाम साबित हुईं