सिद्धपीठ श्रीसियाराम किला झुनकीघाट के संस्थापक आचार्य झुनझुनियाँ बाबा की मनाई गई पुण्यतिथि

वासुदेव यादव
अयोध्या। संतो की नगरी कही जाने वाली रामनगरी अयोध्या में अनेक भजनानंदी संत हुए है। ऐसे संत जो भगवद भजन में ही अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया, उन संतों में एक थे परम पूज्य रसिकाचार्य जानकी शरण जी महाराज झुनझुनियां बाबा।
मां सरयू के पावन तट पर सुशोभित सिद्ध पीठ श्रीसियाराम किला उनके तपोस्थली का जीता जागता प्रमाण है, जो झुनकी घाट झुनझुनियां बाबा के नाम से मशहूर है। सियाराम किला आज भी अपने वैभव को समेटे हुए आध्यात्मिकता को चार चांद लगा रहा है। झुनझुनियां बाबा जी ने अपना देह 24 वर्ष पूर्व श्रावण शुक्ल पक्ष तृतीया त्याग दिया था। आज भी उनके शिष्य परिकर अपने गुरु के पावन स्मृति में पूरे श्रद्धा से अपनी भावांजलि उनके श्रीचरणों में निवेदित करते है। इसी कड़ी में आज श्रावण शुक्लपक्ष तृतीया शनिवार को पूज्य आचार्य श्री का 24वीं पुण्यतिथि समारोह को बड़े ही हषोल्लास के साथ मनाया गया। इसमें रामनगरी समेत पूरे भारत से आचार्य श्री के शिष्य परिकर मंदिर में पहुंच कर झुनझुनियां बाबा को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
यह सारा कार्यक्रम मंदिर के वर्तमान महंत करुणानिधान शरण जी महाराज के पावन सानिध्य व मंदिर के अधिकारी प्रख्यात सुविख्यात कथावाचक स्वामी प्रभंजनानन्द शरण जी महाराज के देखरेख में सम्पादित हुआ। कार्यक्रम में आज प्रातःकाल पूज्य महाराज श्री की चरण पादुका पूजन व भव्य अभिषेक किया गया। इसके बाद मंदिर प्रांगण में गोष्ठी के माध्यम से आचार्य श्री के व्यक्तित्व पर संत धर्मचार्यो अपने अपने शब्दों से पुष्पांजलि अर्पित कर आचार्य श्री को अपनी श्रद्धा निवेदित कर नमन किया। कार्यक्रम का समापन वृहद भंडारे के साथ हुआ।आये हुए अतिथियों का स्वागत परम्परागत तरीके से किया गया। इस अवसर पर श्री रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष श्रीमहंत नृत्य गोपाल दास, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, श्रीमहंत मैथिली रमण शरण, श्रीमहंत सियाकिशोरी शरण, महंत कमलनयन दास, अधिकारी राजकुमार दास, महंत रामकुमार दास, महंत मनमोहन दास, महंत रामनरेश दास, निर्मोही अखाड़ा के श्री राम दास , अयोध्या संत समिति अध्यक्ष श्री कन्हैया दास ,प्रसिद्ध कथा वाचक डॉक्टर राघवाचार्य , अवधेश दास ,विश्व हिन्दू परिषद धर्माचार्य संपर्क प्रमुख श्री पंकज जी ,अग्रवाल सभा के जिलाध्यक्ष उत्तम बंसल, अभिषेक अग्रवाल अनुभव अग्रवाल, पवन अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में संत साधक मौजूद रहे।