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उत्तर प्रदेश

नाैमी तिथि मधुमास पुनीता, शुक्ल पक्ष अभिजित हरिप्रीता, श्रीरामजन्माेत्सव पर आल्हादित दिखी अयाेध्या

नाैमी तिथि मधुमास पुनीता, शुक्ल पक्ष अभिजित हरिप्रीता, श्रीरामजन्माेत्सव पर आल्हादित दिखी अयाेध्या
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वासुदेव यादव

अयाेध्या। शनिवार को रामनगरी के मठ-मन्दिराें में प्रभु श्रीराम के जन्माेत्सव की धूम रही, जिससे पूरी अयाेध्या आल्हादित दिखी। चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि लगने के साथ ही अभिजित मुहूर्त में दाेपहार १२ बजे घण्टाें-घड़ियाराें की करतल ध्वनि के बीच भगवान राम का प्रतीकात्मक जन्म हाेता है। चाराें ओर बधाई-साेहर गीत किन्नराें और सखियाें द्वारा गाए जाने लगते हैं।

अयोध्या में मध्यान्ह राम जन्माेत्सव मुहूर्त के साथ त्रेतायुग के रामजन्म की यह पंक्ति फलीभूत हाेने लगी- रघुवर जनम आनन्द बधाई भंवर तरंग मनाेहर ताई/ जाकर नाम सुनत शुभ हाेई माेरे गृह आवा प्रभु काेई/ नाैमी तिथि मधुमास पुनीता शुक्ल पक्ष अभिजित हरिप्रीता। भगवान राम की प्रमुख पीठ कनक भवन में रामजन्माेत्सव का उल्लास देखते हुए बन रहा था।

जहां भक्त रामजन्म के बधाई गीताें पर झूमने काे मजबूर दिखे। हर कोई प्रभु के दर्शन काे आतुर दिखा। कनक भवन का पूरा परिसर खचाखच श्रद्धालुओं से भरा रहा है। इसे देखकर ऐसा लगा कि मानाे त्रेतायुग की अयाेध्या पुनः अपने आप काे आज प्रत्यक्ष प्रदर्शित कर रही हाे। इसके अलावा सिद्धपीठ दशरथ महल के महन्त बिंदु गदाचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य के सानिध्य में रामजन्मोत्सव मनाई गई। जिसमे हजारो भक्त शामिल रहे। जानकी घाट बड़ा स्थान के महन्त जनमेजय शरण के सानिध्य में यह उत्सव मनाया गया।

जानकी महल, कालेराम मन्दिर, काेशलेश कुंज, अशर्फी भवन आदि मन्दिराें में भी रामजन्माेत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इसी कड़ी में रसिक पीठ प्रियाप्रीतम केलिकुंज, वासुदेवघाट में भगवान श्रीराम के जन्माेत्सव का उल्लास चरम पर रहा। आश्रम के महन्त रामगाेविन्द शरण महाराज भगवान के उत्सव से बहुत ही ओत-प्राेत दिखे। वह भक्तिभाव में सराबाेर हाेकर जन्म के अन्या-अन्य प्रसंग गाकर खुशी से झूम रहे थे। यही नही श्रद्धालुगण भी बधाई व साेहर गीत गाकर आनन्दित हुए। इस माैके पर मन्दिर काे अनेकानेक सुन्दर पुष्पाें से सजाया गया था। जन्माेत्सव अवसर पर कथाव्यास रामसुन्दर दास सुमन, परमानन्द दास, सियाराम दास, गाेपाल बाबा, पण्डित सुबाेध शास्त्री, साैरभ, विमल शरण, माेहन झा, लाल जी आदि समेत बड़ी संख्या में सन्त-महन्त व भक्तगण माैजूद रहे। अयाेध्या में दाे दिन रामनवमी पड़ने के कारण आज बहुत ही मन्दिर में भगवान का जन्माेत्सव मना। ज्यादातर मन्दिराें में कल १४ अप्रैल रविवार काे रामजन्माेत्सव मनाया जायेगा। क्योंकि हिन्दू सनातन धर्म में काेई भी पर्व या त्याैहार मनाया जाता है। ताे उसमें उदया तिथि ली जाती है।

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