अखिलेश यादव ने की पुलवामा घटना की जांच की मांग
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पुलवामा की घटना की जांच होनी चाहिए। इसमें खुफिया तंत्र की विफलता पर सरकार को जवाब देना होगा। 48 जवानों व फौजी अफसरों की शहादत का जवाब कौन देगा? भाजपा की केंद्र में सरकार बनने के बाद 56 महीनों में 500 से ज्यादा जवान शहीद हुए है। जनता ने भी मन बना लिया है कि भाजपा को इस बार फिर दिल्ली का रूख नही करने देंगे।
अखिलेश यादव शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय के डॉ. लोहिया सभागार में कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल व प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए कार्यकर्ताओं के समूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव अलग तरह के है। इन चुनावों में देश का भविष्य दांव पर लगा है। देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए यह वक्त जी-जान से जुटने का है।
उन्होंने कहा, भाजपा चाहे जितने समझौते या गठबंधन कर ले, सपा-बसपा गठबंधन के सामने प्रदेश में जीरो हो जाएंगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे सपा-बसपा के लोकसभा प्रत्याशियों को जिताने के लिए दिन-रात एक कर दें। वे यह सुनिश्चित करें कि 80 लोकसभा सीटों में से एक पर भी भाजपा को जीत न मिल सके। सपा-बसपा का गठबंधन देश हित में एक ऐतिहासिक निर्णय है जिसकी पहली प्राथमिकता भाजपा को सत्ता में आने से रोकना है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग, जनता से किए गए वादों को पूरा न करना और जनविरोधी- विकास विरोधी नीतियों के चलते भाजपा को सत्ता से हटाना लोकतंत्र के हित में है। देश नया प्रधानमंत्री चाहता है। कहा कि भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है, वह केवल नफरत फैलाकर समाज को बांटने का ही काम करती रही है।
इस सच्चाई से प्रदेश का बच्चा-बच्चा परिचित है। कहा, भाजपा के कुप्रचार पर रोक लगनी चाहिए। भाजपा अपने स्वार्थ में कोई भी खतरनाक कृत्य कर सकती है। लेकिन, अब जनता जान गई है। वह भाजपा की गुमराह करने वाली चालों को अवश्य पराजित करेगी। सपा-बसपा गठबंधन की विश्वसनीयता के आगे भाजपा-आरएसएस की फरेबी चालें कभी सफल नहीं होंगी।