जब मुलायम ने कहा 'जो बाप का नहीं, वो किसी का नहीं'

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने हाल में ही बयान दिया कि उनकी कोई सुनता नहीं है और न ही उनका कोई सम्मान करता है. उनके इस बयान के बाद बीजेपी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोल दिया है. उधर मुलायम के बयान के फौरन बाद शिवपाल सिंह यादव ने भी अखिलेश यादव पर निशाना साध लिया. उन्होंने डेढ़ साल से पार्टी में सम्मानजनक पद की उम्मीद में इंतजार करने की बात कही. इन बयानों से अखिलेश यादव बैकफुट पर आते दिख रहे हैं.
वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव के लिए मुश्किलें न खड़ी की हों. पिछले साल भर में ही मुलायम ने कई ऐसे बयान दिए, जिसमें अखिलेश के निर्णयों पर सीधे सवाल खड़े हुए.
सितंबर, 2017 में मुलायम सिंह यादव ने साफ किया कि वह कोई नई पार्टी बनाने नहीं जा रहे हैं. लेकिन साथ ही बेटे और पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए उनका दर्द जरूर छलका. उन्होंने कहा कि अखिलेश बेटे हैं, उन्हें हमारा आर्शीवाद हैं. लेकिन उनके निर्णयों से मैं सहमत नहीं हूं. अखिलेश के लिए मुलायम ने कहा कि हमसे कहा था कि तीन महीने का समय दे दीजिए, उसके बाद आप अध्यक्ष हो जाइएगा. लेकिन वह अपनी बात पर नहीं टिका. ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी कामयाब नहीं हो सकता. बाप को ही धोखा दिया. उन्होंने कहा कि देश के बहुत बड़े नेता ने कह दिया कि जो बाप का नहीं, वो किसी का नहीं. इसके साथ ही मुलायम ने साफ किया कि वह कोई नई पार्टी नहीं बना रहे हैं.
24 अगस्त, 2017 को गाजियाबाद में मुलायम सिंह यादव ने कहा, "मैं गठबंधन के पक्ष में नहीं हूं. अगर रामगोपाल और अखिलेश किसी से भी गठबंधन करेंगे तो मुझे कोई और फैसला लेना पड़ेगा." सपा—कांग्रेस गठबंधन पर मुलायम ने कहा कि अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़कर सरकार बनाई, लेकिन गठबंधन किया तो हार गए.
राष्ट्रपति चुनाव में मुलायम ने किया एनडीए का समर्थन
एनडीए द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद के नाम के ऐलान से एक दिन पहले ही मुलायम ने साफ किया था कि समाजवादी पार्टी एनडीए के उम्मीदवार को ही राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन देगी. इसके बाद रामनाथ कोविंद के नाम के ऐलान के बाद मुलायम ने कोविंद की बड़ाई की. साथ ही उन्हें एक अच्छा प्रत्याशी भी बताया. उधर अखिलेश ने यूपीए की प्रत्याशी मीरा कुमार को समर्थन दिया.
यूपी के लड़कों की दोस्ती पर उठाए सवाल
जून, 2017 में मैनपुरी में मुलायम ने सपा कांग्रेस गठबंधन पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस से सपा का कभी तालमेल नहीं रहा. कांग्रेस ने उनका बहुत नुकसान किया है. उन्होंने कहा कि अखिलेश ने कांग्रेस से गठबंधन किया तो नतीजा देख लिया. हमारी पार्टी 47 सीटों पर ही सिमट गई.
'अखिलेश अपने वादे और जुबान से मुकर गए'
इससे पहले मई, 2017 में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने गुरुवार को आगरा पहुंचे समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव पर जमकर भड़ास निकाली. मुलायम ने कहा कि अखिलेश ने तीन महीने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की बात कही थी, लेकिन अब वे अपने वादे और जुबान से मुकर गए. मुलायम ने कहा, "मैं क्या पद का भूखा हूं? "अखिलेश ने कहा था कि तीन महीने के लिए पार्टी का अध्यक्ष बनेंगे, फिर नेताजी को पद दे देंगे. अखिलेश अब अपनी जुबान और वादे क्यों नहीं निभा रहे हैं, यह आप उनसे पूछिए."
'अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाना उनकी बड़ी गलती थी'
मई, 2017 में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने माना कि 2012 में अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाना उनकी बड़ी गलती थी. मैनपुरी में मुलायम ने कहा, 'सीएम हमको बनना चाहिए था. अगर मैं सीएम होता तो बहुमत (2017 के चुनाव में) मिल जाता. मुलायम ने कहा, सपा अपनी गलती से चुनाव हारी. जनता की कोई गलती नहीं.