सूतक काल की वजह से दोपहर में हुई गंगा आरती

वाराणसी : दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्वविख्यात नैत्यिक सांध्य गंगा आरती शुक्रवार को चंद्रग्रहण के कारण दिन में ही आयोजित की गई। घाट पर गंगा सेवा निधि व गंगोत्री सेवा समिति की ओर से आरती की जाती है। दिन में 2.54 बजे सूतक काल शुरू होने के कारण इसे एक बजे शुरू करने का निर्णय लिया गया था। ऐसा पिछली बार सूर्य ग्रहण के कारण भी किया गया था।
इसके अलावा श्रीकाशी विश्वनाथ बाबा दरबार मंदिर में चंद्रग्रहण के कारण शनिवार भोर मंगला आरती एक घंटे प्रभावित रहेगी। 28 जुलाई की भोर मंगला आरती चार बजे से होगी और भक्तों का बाबा का दर्शन पांच बजे से मिलेगा। संकट मोचन मंदिर के पट दोपहर 12 बजे भोग आरती के बाद बंद हो जाएंगे और शनिवार भोर 4.30 बजे पट खुलेंगे। अन्नपूर्णा मंदिर के पट रात 10.30 बजे और कालभैरव मंदिर के पट दस बजे बंद होंगे।
वहीं आषाढ़ी पूर्णिमा को गुरु पर्व यानी गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। शास्त्रों में गुरु महिमा का बखान देवों से भी ऊपर बताया गया है। गुरु पूर्णिमा पर महर्षि वेद व्यास की स्मृति में उनके पूजन के साथ ही सभी सनातनी अपने दीक्षा गुरु का विधि विधान से पूजन कर आशीष लेते हैं। गुरु पूर्णिमा पर्व 27 जुलाई को मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा तिथि 26 जुलाई की रात 10.32 बजे ही लग गई जो 27-28 जुलाई की रात 12.33 बजे तक रहेगी। इस दिन चंद्रग्रहण लगने के कारण सूतक काल शुरू होने से पहले तक ही गुरु दर्शन होंगे। हालांकि संत मत अनुयायी आश्रम में शाम तक गुरु दर्शन चलता रहेगा।