मुरादाबाद बिलारी कमीशन के खेल में गई आशाओं की नौकरी

बिलारी। नगर के सीएचसी पर तैनात आशाओं को कई बार चेतावनी दी गई थी। बावजूद इसके आशाओं का कमीशन का खेल जारी रहा ।यह बिलारी के सीएचसी पर डिलीवरी के लिए गर्भवती महिलाओं को लाया करती थी ।लेकिन अस्पताल आने से पहले ही उसे बरगलाकर प्राइवेट अस्पतालों में कमीशन के खेल में भर्ती करा दिया करती थी। जिसकी वजह से इनको मोटा कमीशन मिला करता था। हालत यह थी कि सीएचसी में प्रसव कराने वाली महिलाओं की संख्या लगातार कम हो रही थी। कई बार बैठक के बाद आशाओं को चेतावनी दी गई थी कि वह अपनी हालत को सुधारने ,लेकिन बावजूद इसके आशाएं कमीशन के खेल के कारण सुधर नहीं पाई ।सीएचसी के पास मैं कई झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक बने हुए हैं। जहां उन्होंने आशाओं के कमीशन को लेकर रखा है। अक्सर यह क्लीनिक संचालक डिलीवरी के लिए आने वाली महिलाओं से 10 हजार तक वसूलते थे ।आशाओं को कमीशन बतौर 3 से 5 हजार तक की रकम मिला करती थी। कई बार सर्च अभियान चलाने के दौरान 108 एंबुलेंस से आने वाली गर्भवती महिलाएं पास के जच्चा बच्चा केंद्रों पर भर्ती पाई गई। मगर इन जच्चा बच्चा केंद्र पर कोई कार्यवाही ना होने के कारण आशाओं की भी हिम्मत बढ़ती गई और यह जच्चा बच्चा केंद्र कमीशन के खेल में आशाओं को शामिल करके अपने धंधे को लगातार बढ़ाते रहें ।भाजपा सरकार बनने के बाद पहली बार आशाओं पर सख्त एक्शन लिया गया। इसके अलावा कई आशाओं को चेतावनी भी दी गई है ।साल भर में कम से कम लक्ष्य के मुताबिक 300 से ज्यादा महिलाएं डिलीवरी के लिए सीएचसी नहीं पहुंच पा रही जबकि 108 एंबुलेंस और 102 एंबुलेंस का उपयोग इन आशाओं को गांव से सीएचसी लाने तक होता रहा है। रिकॉर्ड के मुताबिक इस साल 50 से अधिक मरीज बिलारी के प्राइवेट जच्चा बच्चा केंद्र पर पहुंचे हैं। पूरे मामले में रिपोर्ट तैयार कर जिले को भेजी गई है ।माना जा रहा है कि अब जच्चा-बच्चा केंद्रों पर भी इस कार्यवाही के बाद शिकंजा कसने वाला है।..... रिपोर्ट वारिस पाशा जनता की आवाज से बिलारी मुरादाबाद