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उत्तर प्रदेश

कारगिल विजय दिवस विशेषः जब टाइगर हिल से खदेड़े थे पाकिस्तानी

कारगिल विजय दिवस विशेषः जब टाइगर हिल से खदेड़े थे पाकिस्तानी
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25 मई, 1999 को हुए कारगिल युद्ध में हिमाचल के 52 जवानों ने जीवन का बलिदान दिया था। 18 ग्रेनेडियर ने द्रास सेक्टर के तोलालिंग और टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया था। इसके बाद 26 जुलाई को सभी चोटियों से पाकिस्तानी फौज को खदेड़ा था।

दो माह से भी अधिक समय तक चले कारगिल युद्ध में भारतीय सेना को मिली जीत की याद में हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। 25 मई से 26 जुलाई 1999 तक हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में हिमाचल के 52 रणबांकुरों ने शहादत पाई थी।

26 जुलाई को देशवासी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देंगे। इसमें कांगड़ा जिले के सबसे अधिक 15 जवान शहीद हुए थे। मंडी जिले से 11, हमीरपुर के सात, बिलासपुर के सात, शिमला से चार, ऊना से दो, सोलन और सिरमौर से दो-दो तथा चंबा और कुल्लू जिले से एक-एक जवान शहीद हुआ था।

कारगिल युद्ध में 18 ग्रेनेडियर की कमान संभालने वाले कर्नल खुशहाल ठाकुर कहते हैं कि इस युद्ध में प्रदेश के अधिकतर जवान ऐसे थे, जिनकी उम्र 30 साल से कम थी।

पाठ्यक्रमों में मिले वीरगाथाओं को जगह

ब्रिगेडियर खुशहाल सिंह कहते हैं इस युद्ध में पाकिस्तान ने कैप्टन सौरभ कालिया के साथ क्रूरता की, लेकिन उस ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उनका परिवार 19 साल बाद भी लड़ाई लड़ रहा हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें 1999 का कारगिल युद्ध आज भी याद है। 23 जुलाई को उनके नेतृत्व में 18 ग्रेनेडियर ने टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया था। इस यूनिट को राष्ट्रपति ने 52 वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया है।

ब्रिगेडियर ने कहा कि हिमाचल की आने वाली पीढ़ियों के मार्गदर्शन के लिए प्रदेश के शहीदों की वीरगाथाओं को स्कूल और कॉजेल के पाठ्यक्रम में जगह दी जानी चाहिए। शहीदों के परिवारजनों का मान-सम्मान होना चाहिए।

शहादत को सियासत के शोर से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले युवा सेना में जाने को लेकर उत्साहित रहते थे, परंतु अब सभी का मल्टीनेशनल की ओर झुकाव है। सभी लड़ाई में शहीद हुए जवानों की स्मृति में हर जिला में प्रेरणादायक शहीद स्मारक बनाए जाने चाहिए।

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