एसटीएफ ने पकड़ा 1 लाख रुपए का इनामी बावरिया डकैत

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने बुधवार को एक लाख रुपए के इनामी बावरिया डकैत कालिया उर्फ कालू उर्फ राजू को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार उसकी लखनऊ, बाराबंकी और फर्रूखाबाद में हुईं कई सनसनीख़ेज़ डकैतियों में तलाश की जा रही थी.
एसटीएफ के अनुसार कालिया हरियाणा के महेंद्रगढ़ में झाकड़ी का रहने वाला है. उसे बुधवार को लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. ये अभियुक्त डकैती, डकैती सहित हत्या जैसे 13 संगीन वारदातों में वांछित चल रहा था.
पुलिस के अनुसार दिसम्बर 2017 और जनवरी 2018 में लखनऊ के साथ ही फर्रुखाबाद और बाराबंकी में डकैती की ताबड़तोड़ घटनाओं को अंजाम इसी गिरोह के द्वारा दिया गया था. इन घटनाओं में 4 व्यक्तियों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल भी हुए थे. पुलिस ने जब कालिया को गिरफ्तार किया तो उसके कब्जे से डकैती में लूटे गये ज़ेवरात और डकैती की घटना में प्रयोग की गई पैशन प्रो मोटरसाइकल भी बरामद हुई है. इस गैंग के सरगना विनोद बावरिया को एसटीएफ ने पहले ही गिरफ़्तार कर लिया है.
बता दें इसी साल 3 फरवरी को लखनऊ के कृष्णानगर पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान 4 डकैतों को गिरफ्तार किया था. जबकि मौके से गैंग का लीडर हरियाणा निवासी विनोद और उसके साथी कालिया और रामवीर भागने में सफल हो गए थे. एसटीएफ ने गैंग का लीडर विनोद को बाराबंकी के पास जुग्गौर से धर दबोचा. उसके पास से एक तमंचा, एक अद्दी बंदूक, 4580 रुपये, सात मोबाइल फोन और लूटे गये कुछ जेवरात मिले. पूछताछ में डकैत ने बताया कि वह लोग अपने परिवार के साथ रेलवे लाइन के किनारे किराये का कमरा लेकर रहते थे.
दिनभर वह लोग साड़ी और फेरी का सामान बेचकर शहर और गांव के घर डकैती के लिए चिन्हित करते हैं. इसके बाद गैंग के सदस्य चिन्हित किये गये घरों में डकैती डालते हैं. आरोपी विनोद ने बताया कि चिनहट के जुग्गौर की डकैती के बाद असलहों और कारतूस की जरूरत पड़ी थी. इसके लिए गैंग के रामवीर, दयाराम व मनोज उर्फ छोटू उर्फ राकेश बाइक से असलहे लेने के लिए कासगंज गए थे. चेकिंग में पुलिस ने उनको पकड़ लिया था. रामवीर उस वक्त पकड़ा गया था, जबकि दयाराम और मनोज भागने में सफल रहे थे.