महिला शिक्षामित्रों ने बाल मुंडवाकर सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

लखनऊ - राजधानी स्थित ईको गार्डेन में बुधवार को प्रदर्शन भर से महिलाओं समेत आए शिक्षामित्र ने सरकार के खिलाफ अपनी बुलंद की। इस दौरान महिला शिक्षामित्रों ने बाल मुंडवाकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य व केंद्र की सरकार पर अपनी अनदेखी करने के आरोप लगाए। उनका कहना है कि शिक्षामित्र पिछले 38 दिनों से अपनी मागों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हवन कर दी श्रद्घाजलि दी:
बाल मुंडवाने के पहले प्रदर्शनकारियों ने अब तक जान गंवाने वाले अपने साथी शिक्षामित्रों की आत्मा की शाति के लिए हवन कर उन्हें श्रद्घाजलि दी। साथ ही सरकार से मृतकों के परिवारीजनों के लिए आर्थिक सहायकता की भी माग की।
गौरतलब हो कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। जिसके बाद से ही शिक्षामित्र आदोलनरत हैं। उनकी माग है कि शिक्षामित्रों को पैराटीचर बनाया जाए और जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं, उन्हें बिना परीक्षा दिए ही नियुक्ति दी जाए। हालाकि, सरकार से शिक्षामित्रों की कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। सरकार द्वारा दिये जा रहे मासिक वेतन को लेकर भी शिक्षामित्र खुश नहीं हैं।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। राजधानी स्थित ईको गार्डेन में बुधवार को प्रदर्शन भर से महिलाओं समेत आए शिक्षामित्र ने सरकार के खिलाफ अपनी बुलंद की। इस दौरान महिला शिक्षामित्रों ने बाल मुंडवाकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य व केंद्र की सरकार पर अपनी अनदेखी करने के आरोप लगाए। उनका कहना है कि शिक्षामित्र पिछले 38 दिनों से अपनी मागों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हवन कर दी श्रद्घाजलि दी:
बाल मुंडवाने के पहले प्रदर्शनकारियों ने अब तक जान गंवाने वाले अपने साथी शिक्षामित्रों की आत्मा की शाति के लिए हवन कर उन्हें श्रद्घाजलि दी। साथ ही सरकार से मृतकों के परिवारीजनों के लिए आर्थिक सहायकता की भी माग की।
गौरतलब हो कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। जिसके बाद से ही शिक्षामित्र आदोलनरत हैं। उनकी माग है कि शिक्षामित्रों को पैराटीचर बनाया जाए और जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं, उन्हें बिना परीक्षा दिए ही नियुक्ति दी जाए। हालाकि, सरकार से शिक्षामित्रों की कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। सरकार द्वारा दिये जा रहे मासिक वेतन को लेकर भी शिक्षामित्र खुश नहीं हैं।